चुनावों से पहले बड़ा फैसला, BJP ने मोहन लाल बडौली को बनाया हरियाणा का नया प्रदेश अध्यक्ष, जानें
चंडीगढ़
बीजेपी विधायक मोहन लाल बडौली को हरियाणा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। अभी तक प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री नायब सैनी ही संभाल रहे थे। पार्टी ने विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर विधायक मोहन लाल बडौली को हरियाणा में संगठन की कमान सौंपी है। मोहन लाल बडौली सोनीपत जिले की राई विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वे मुख्यमंत्री नायब सैनी के काफी विश्वस्त माने जाते हैं। पार्टी महासचिव अरुण सिंह के अनुसार बडौली की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। बडौली अभी तक हरियाणा बीजेपी के संगठन में प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ऐसे में वह प्रदेश महामंत्री से अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। मोहन लाल सोनीपत जिले की राई तहसील के बडोली गांव से आते हैं।
नायब सैनी की जगह लेंगे बडौली
ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल के सीएम रहने के बाद राज्य में बीजेपी की कमान पार्टी ने नायब सिंह सैनी को सौंपी थी। इसके बाद वह सीएम बने गए थे। तब से वह सरकार और संगठन दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हरियाणा में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बडौली की नियुक्ति अहम मानी जा रही है। पिछले दिनों राज्य के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले विधानसभा चुनावों चुनावों में मुख्यमंत्री नायब सैनी को ही सीएम फेस रखने के संकेत दिए थे। लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हरियाणा में पांच सीटों पर नुकसान हुआ है। ऐसे में पार्टी से विधानसभा चुनावों के लिए एक्शन मोड में आ चुकी है।
मोहन लाल बड़ौली ने 2019 के चुनाव में राई विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी और पहली बार विधायक बने थे। उन्हें 2,663 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन इसके मायने ज्यादा थे। यह इसलिए क्योंकि राई विधानसभा से उन्होंने पहली बार भाजपा को जीत दिलाई थी। मोहन लाल बड़ौली 1989 से ही आरएसएस से जुड़े हुए थे। माना जाता है कि आरएसएस का भरोसा भी उन्हें हासिल है। मोहन लाल बड़ौली का जन्म 1963 में हरियाणा के सोनीपत जिले की राई तहसील के बड़ौली गांव में हुआ था।
उनके पिता काली राम कौशिक अपने गांव के एक सम्मानित कवि थे और सोनीपत के जांटी के कवि पंडित लखमी चंद के बहुत बड़े प्रशंसक थे। वे एक किसान और व्यवसायी हैं। ब्राह्मण समाज से आने वाले मोहन लाल ने अपने नाम के पीछे गांव की पहचान को जोड़ा है। गौरतलब है कि इस बात की चर्चा थी कि ब्राह्मण समाज के किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कमान दी जा सकती है। राम विलास शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता का नाम भी इस रेस में चल रहा था। लेकिन भाजपा हाईकमान ने पहली बार के विधायक मोहन लाल बड़ौली पर दांव लगाया।