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आईवीएफ में मल्टीपल प्रेगनेंसी की संभावना अधिक, जाने इसके पीछे की वजह

मुंबई

आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) की मदद से ऐसे लोगों को भी संतान का सुख मिल सकता है, जो फर्टिलिटी की समस्याओं से जूझ रहे हैं या किसी वजह से नेचुरली कंसीव नहीं कर पाती हैं. आईवीएफ गर्भधारण में तो मदद करता ही है, कई बार इससे महिलाओं को जुड़वां या 3 बच्चे भी होते हैं. कई बड़ी हस्तियां भी इस मेडिकल प्रक्रिया की मदद से माता-पिता बने हैं.

 IVF से करण जौहर (Karan Johar) को दो बच्चे हुए हैं. कश्मिरा शाह और कृष्णा अभिषेक (Krushna Abhishrk) को भी इसकी मदद से जुड़वा बच्चे हुए हैं, जबकि फराह खान (Farah Khan) और शिरीष कुंदर के इससे तीन बच्चे हुए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आईवीएफ में मल्टीपल प्रेगनेंसी ही ज्यादातर क्यों होती है. अक्सर इससे जुड़वा बच्चे (Twins) क्यों पैदा होते हैं. जानिए इसका कारण…

IVF में क्यों पैदा होते हैं जुडवां बच्चे

1. एक से ज्यादा एम्ब्रियो इम्प्लांट से
आईवीएफ की प्रक्रिया में डॉक्टर्स प्रेगनेंसी का चांस बढ़ाने के लिए एक साथ कई एम्ब्रियो या भ्रूण को उस महिला के शरीर में इम्प्लांट करते हैं. जब यूट्रस में ये एम्ब्रियो सही तरह से इम्प्लांट नहीं हो पाता है तो ये फेल हो सकता है. एक से ज्यादा एम्ब्रियो इम्प्लांट करने से कम से कम एक बच्चे के गर्भ में आने की संभावना बढ़ सकती है, लेकिन इससे जुडवां या उससे ज्यादा बच्चे के चांसेस भी बढ़ सकती हैं.

2. सुपर ओव्युलेशन
जब कोई महिला आईवीएफ कराने जाती है तो डॉक्टर उसके गर्भधारण के लिए कई तरह की दवाईयां देते हैं. इन दवाओं से ओवरीज को एक साइकल में ज्यादा एग्ज के उत्पादन के लिए उत्तेजित कराने की कोशिश की जाती है. चूंकि नेचुरली कंसीव करने के दौरान कोई महिला एक बार में सिर्फ एक ही एग का निर्माण कर सकती है. ऐसे में आईवीएफ प्रक्रिया में ज्यादा एग्स की वजह से मल्टीपल प्रेगनेंसी(Multiple Pregnancies) की संभावना बढ़ जाती है.

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