मध्‍यप्रदेश

इंदौर से उज्जैन की दूरी वंदे भारत से केवल 40 मिनट की हो जाएगी, सफर होगा आसान

 इंदौर
मध्य प्रदेश की मोहन यादव (Mohan Yadav) सरकार ने इंदौर (Indore) से उज्जैन (Ujjain) तक "वंदे मेट्रो" चलाने की बात कही है. दोनों शहरों के बीच ट्रेन चलाने के लिए फिजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट भी सरकार को मिल गई है. कहा यह भी जा रहा है कि उज्जैन में लगने वाले 2028 के कुंभ मेले से पहले यह मेट्रो ट्रेन चालू हो जाएगी. इंदौर एयरपोर्ट से उज्जैन के महाकाल मंदिर तक वंदे मेट्रो सेवा शुरू की जाएगी, जो आम जनता, पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सौगात है. इस बार उज्जैन में लगने वाले 2028 कुंभ मेले में 14 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है.

इंदौर रेलवे स्टेशन से उज्जैन रेलवे स्टेशन की दूरी फिलहाल 79 किलोमीटर है. यहा से जो एक्सप्रेस ट्रेन जाती है उसे यह दूरी तय करने में करीब दो घंटे का समय लगता है. इस दौरान ट्रेन इंदौर से देवास होकर उज्जैन पहुंचती है. वहीं इंदौर से फतेहाबाद होकर उज्जैन तक का रेलवे का सफर करीब 62 किलोमीटर का है. इस रस्ते में देवास नहीं आना होगा. वहीं सड़क रूट की बात करें तो अभी इंदौर से उज्जैन की दूरी 55 किलोमीटर है, जो एक घंटे में तय हो जाती है.

120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी मेट्रो
एक्सप्रेस ट्रेन की औसत गति इंदौर से उज्जैन के बीच करीब 60 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इंदौर से फतेहाबाद होकर जाने वाली वंदे भारत का सफर 90 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से तय होता है. वंदे मेट्रो में यही सफर 120 किमी प्रति घंटे के हिसाब से तय होगा. DMRC ने पीथमपुर से उज्जैन तक 80 किलोमीटर के हिस्से के लिए फिजिबिलिटी सर्वे किया है. इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है. इसमें इंदौर से उज्जैन रुट भी शामिल किया गया है.

इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के दूसरे चरण की शुरुआत
इंदौर में मेट्रो के काम में तेजी लाई जा रही है. मेट्रो को विकास के रास्ते दौड़ने के लिए प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है और इसमें सरकार भी जुटी हुई है. बीते दिनों मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी और कहा था कि मेट्रो में आने वाली बाधाओं को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा. हालांकि, रेडिसन से खजराना के बीच में मेट्रो का रूट बनाया जा रहा है, जिसे रोबोट चौराहे तक बना लिया गया है. रोबोट चौराहे से खजराना चौराहे के बीच का हिस्सा विकसित करने के लिए बैरिकेडिंग कर दी गई है.

बता दें रोबोट चौराहे से खजराना चौराहा और फिर उसके बाद बंगाली चौराहे से लेकर पलासिया तक एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा, जिसका काम ठेकेदार कंपनी शुरू कर चुकी है. करीब 5.5 किलोमीटर के इस रास्ते का टेंडर अभी थोड़े समय पहले ही मेट्रो कॉरपोरेशन ने जारी किया था जो कि यूआरसी कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला है. इसकी लागत करीब 543 करोड़ रुपये है.

उधर दूसरी तरफ गांधीनगर से लेकर रोबोट चौराहे तक मेट्रो ट्रेन का 17 किलोमीटर का सफर है. इस काम को पूरा करने के लिए भी अब मेट्रो अधिकारी दावा करते नजर आ रहे हैं कि यह जल्द पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि, जमीनी हकीकत कुछ और है और जहां जून महीने में ही मेट्रो को चलाया जाना था, वहां अभी यह होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि प्रायोरिटी कॉरिडोर पर फिलहाल मेट्रो चलने की स्थिति में नहीं है.

 

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