कारोबार

मौद्रिक नीति: रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, सस्ते लोन के लिए बढ़ा इंतजार, एक बार में UPI पेमेंट की लिमिट हुई 5 लाख

नई दिल्ली
 भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नीतिगत फैसले की घोषणा की। केंद्रीय बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखी है। दास ने बताया कि आरबीआई मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 फीसद पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। यानी, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार इस साल फरवरी में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था और तब से बेंचमार्क नीति दर में संशोधन नहीं किया है।

UPI  पेमेंट प्रति ट्रंजैक्शन 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति के ऐलान के साथ ही उन्होंने यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट को लेकर बड़ी घोषण की है। अब अस्पतालों और शैक्षिक संस्थानों में यूपीआई के जरिए एक बार में 5 लाख तक का पेमेंट किया जा सकता है। दास ने जीडीपी को लेकर कहा, "रियल जीडीपी ग्रोथ इस साल 7 फीसद रहने की उम्मीद है। अगले साल पहली तीमाही में 6.7 पर्सेंट रहेगी। "एमपीसी ने 2024 के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.50 से बढ़ाकर 7 फीसद किया है। महंगाई को लेकर दास ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति व्यापक रूप से नरम रही, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति का जोखिम कायम है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा," 4 फीसद मुद्रास्फीति का लक्ष्य अभी हासिल नहीं हुआ है। हमें अपने रास्ते पर बने रहना होगा।" आरबीआई को वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.6 फीसद और चौथी तिमाही में 5.2 फीसद रहने का अनुमान है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। एमपीसी की बैठक अक्टूबर में मुद्रास्फीति घटकर 4.87 फीसदी पर आने की पृष्ठभूमि में हुई। मुद्रास्फीति का नवंबर डेटा अगले सप्ताह जारी होने की उम्मीद है। सरकार ने आरबीआई को सीपीआई मुद्रास्फीति को दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर रखने का आदेश दिया है।

 पांचवीं बार रेपो दर में बदलाव के आसार नहीं थे: विशेषज्ञों का कहना है कि  रेपो दर 6.5 फीसदी पर ही स्थिर रहेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों की वजह से महंगाई बढ़ने के कारण मई 2022 में रेपो दर में बढ़ोतरी का दौर शुरू हुआ था, जो फरवरी 2023 तक चलता रहा। लेकिन अप्रैल 2023 की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा से रेपो दर स्थिर बनी हुई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button