राजनीतिक

आज फिर एक विवाद में आए कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, हाथ में तिरंगा लिए कार्यकर्ता ने उतारे जूते

बेंगलुरु
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया फिर विवादों में हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक कांग्रेस कार्यकर्ता हाथ में तिरंगा लिए है और वो कर्नाटक के CM के पैरों से जूते उतार रहा है. इस वीडियो के सामने आने पर राजनीति भी गरमा गई है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस के मन में देश के लिए कोई सम्मान नहीं है और वो राष्ट्रीय ध्वज का भी सम्मान नहीं करती है.

कर्नाटक बीजेपी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, सिद्धारमैया अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं, उन्हें कुर्सी बचाए रखने की चिंता है तो वो राष्ट्रीय ध्वज थामकर भी मंत्रमुग्ध हैं.

महात्मा गांधी को नमन करने पहुंचे थे सीएम सिद्धारमैया

दरअसल, सीएम सिद्धारमैया बुधवार सुबह गांधी भवन में महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें नमन करने पहुंचे थे. मौके पर मौजूद एक कार्यकर्ता को देखा जा रहा है कि वो सिद्धारमैया के जूते उतारने में मदद कर रहा है. इस दरम्यान उस कार्यकर्ता के हाथ में तिरंगा है और वो जमीन से टकरा रहा है. यह देखकर एक अन्य व्यक्ति ने कार्यकर्ता के हाथों से झंडा हटाया और उसे अपने हाथ में ले लिया.

वहीं, सीएम सिद्धारमैया जब गांधी जयंती समारोह में हिस्सा ले रहे थे, तभी मामूली आग लगने की घटना हुई. सीएम की शर्ट में हल्की आग लग गई. हालांकि, सुरक्षा कर्मी ने देख लिया और तुरंत उसे बुझा दिया. किसी को चोट नहीं आई.

MUDA प्लॉट को लेकर विवादों में आए सिद्धारमैया

इससे पहले कर्नाटक में MUDA प्लॉट स्कैम को लेकर विवाद बढ़ा था और सिद्धारमैया को अपनी पत्नी के नाम अलॉट प्लॉट वापस लौटाने पड़े थे. सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ ईडी ने MUDA स्कैम मामले में FIR दर्ज कर ली है. सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि मेरी पत्नी पार्वती ने MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) द्वारा अधिग्रहित भूमि के लिए मुआवजे के रूप में दिए गए प्लॉट्स को बिना किसी भूमि अधिग्रहण के वापस कर दिया है. सीएम ने कहा कि विपक्षी दलों ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाकर मेरे परिवार को विवाद में घसीटा है और राज्य के लोग इस बात से वाकिफ हैं.

जानें कब दर्ज हुआ था केस
कर्नाटक के राज्यपाल ने16 अगस्त को इस घोटाले में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। सिद्धारमैया ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली थी, लेकिन अदालत ने 24 सितंबर को जांच के आदेश को सही बताया है। अब सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने सभी 14 विवादित प्लाट प्राधिकरण को वापस लौटाने की पेशकश की है। वहीं सिद्धारमैया ने उम्मीद जताई है कि सत्य की जीत होगी।

'नफरत की राजनीति'सीएम ने कहा था कि पार्वती अपने परिवार तक ही सीमित थीं लेकिन नफरत की राजनीति के कारण उन्होंने मानसिक यातना झेली। सिद्धारमैया ने एक पोस्ट में कहा कि मेरी पत्नी पार्वती ने मैसूर में MUDA द्वारा जब्त की गई जमीन के मुआवजे के रूप में मिली जमीनें वापस कर दी हैं। मेरा रुख इस अन्याय के आगे झुके बिना लड़ने का था, लेकिन मेरे खिलाफ चल रही राजनीतिक साजिश से परेशान मेरी पत्नी ने इस जमीन को वापस करने का फैसला किया है, जिससे मैं भी हैरान हूं।

 

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