‘भाजपा नेताओं के साथ मिलकर वसूली कर रहे ईडी के अधिकारी’: संजय राउत
मुंबई.
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के साथ मिलकर लोगों से भारी मात्रा में पैसे की वसूली कर रहे हैं। राउत ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी जब सत्ता में आएगी तो इन अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश किया जाएगा।
पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि जितू नवलानी नाम का एक व्यक्ति ईडी का एजेंट था, पैसे की वसूली करता था। हमारी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी। बताया जाता है कि उसे ईडी और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से समर्थन हासिल था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फडणवीस ने जब से राज्य के गृह मंत्री के रूप में पदभार संभाला (जून 2022 में एकनाथ शिंदे सरकार में) है, तब से उन्होंने एमवीए सरकार द्वारा गठित एसआईटी (विशेष जांच दल) की जांच को बंद कर दिया है। राउत ने कुछ अन्य लोगों का नाम लेते हुए कहा कि ईडी के एक पूर्व अधिकारी राजेश्वर सिंह भी हैं, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधायक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रोमी भगत भी ईडी के साथ मिलकर काम कर रहा था और वसूली की गतिविधियों में शामिल था और वर्तमान में वह आर्थर रोड जेल में बंद है। उन्होंने कहा, देवेंद्र फडणवीस इन लोगों और उनके कृत्यों के बारे में जानते हैं। उन्हें इसे उजागर करना चाहिए। हम (एमवीए) सत्ता में आने पर बदला लेंगे। किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। ईडी, भाजपा का वसूली एजेंट है।
राज्यसभा सांसद राउत ने चुनावी बांड योजना को लेकर कर्नाटक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण के खिलाफ मामला दर्ज होने पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई स्थानीय अदालत के निर्देश पर की गई है। बंगलूरू में सीतारमण, कर्नाटक भाजपा प्रमुख बी.वाई, विजयेंद्र, पार्टी नेता नलिक कुमार कटील, ईडी के अधिकारी और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 384 (उगाही), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामूहिक इरादे से किया गया कार्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
शिवसेना (यूबीटी) ने यह भी कहा कि यह मामला इसलिए नहीं दर्ज किया गया है कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। यह मामला उनके खिलाफ चुनावी बांड के जरिए उगाही के आरोपों के आधार पर दर्ज किया गया है। ईडी के अधिकारियों ने उनकी ओर से कार्रवाई की है। आरोप है कि ईडी के कुछ अधिकारी भारी मात्रा में पैसे की उगाही में शामिल हैं।