पीएम श्री योजना में शामिल हुई छत्तीसगढ़ की और 78 शालाएं
रायपुर,
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के 78 और स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने के लिए पीएम श्री योजना में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 263 पीएमश्री स्कूल स्वीकृत किए गए थे, नई स्वीकृति मिलने से यह संख्या बढ़कर अब 341 हो गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा है कि यह हर्ष का विषय है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है और इस दिशा में लगातार नए फैसले ले रहे हैं। पीएम श्री योजना के माध्यम शैक्षणिक अधोसंरचना एवं शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास निश्चित रूप से विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पीएम श्री योजना में शामिल इन स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उत्कृष्ट विज्ञान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, व्यावसायिक लैब्स की व्यवस्था होगी, जो छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाईयों पर ले जाएगी। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान का भी आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा पीएम श्री योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 211 तथा तृतीय चरण में 52 और चौथे चरण में 78 शालाएं स्वीकृत की गई है। चौथे चरण में शामिल सभी 78 शालाएं कक्षा पहली से 12 वीं तक की हैं।
प्रथम चरण में पीएम श्री योजना के तहत स्वीकृत शालाओं को अपग्रेड किया जा चुका है, वहीं तृतीय चरण में स्वीकृत शालाओं को अपग्रेड किया जा रहा है। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, विज्ञान और गणित के लिए अत्याधुनिक लैब्स, खेल सुविधाएं, और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पीएम श्री योजना का शुभारंभ 19 फरवरी 2024 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने किया था। उन्होंने इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर किए जा रहे प्रयासों को सराहा था। पीएम श्री के तहत प्रति स्कूल 2-2 करोड़ रूपए व्यय कर आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पीएम श्री योजना के अंतर्गत शालाओं को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है।