अफगानिस्तान के कोच को भी नहीं पता था नेट रन रेट का इक्वेशन, भारतीय दिग्गजों ने भी लगाई लताड़
नई दिल्ली
अफगानिस्तान की टीम से एक इतनी बड़ी गलती हो गई कि टीम को एशिया कप 2023 से बाहर होना पड़ा। टीम के हेड कोच जोनाथन ट्रॉट ने भी उस गलती को स्वीकार किया है। ये गलती थी कि टीम को ये इक्वेशन नहीं पता था कि वे श्रीलंका के खिलाफ अगर 37.1 ओवर के बाद भी जीतते हैं तो भी सुपर 4 के लिए क्वॉलिफाई कर जाएंगे या फिर नेट रन रेट टाई हो जाएगा। यही कारण है कि भारत के दो पूर्व क्रिकेटरों ने अफगानिस्तान टीम के सपोर्ट स्टाफ की क्लास लगाई है।
दरअसल, अफगानिस्तान के सामने श्रीलंका के खिलाफ मैच जीतने के लिए 292 रनों का लक्ष्य था। हालांकि, सुपर 4 के लिए क्वॉलिफाई करने के लिए किसी भी स्थिति में ये टारगेट 37.1 ओवर में हासिल करना था। यही बात अफगानिस्तान टीम मैनेजमेंट को बताई गई, लेकिन असल बात ये थी कि अफगानिस्तान के पास 37.1 ओवर के बाद भी नेट रन रेट बेहतर करने और सुपर 4 के लिए क्वॉलिफाई करने का मौका था। हालांकि, टीम 37.1 ओवर के बाद निराश हो गई।
38वें ओवर की पहली गेंद पर मुजीब उर रहमान बाउंड्री लगाने के चक्कर में कैच आउट हो गए, जबकि आखिरी बल्लेबाज के तौर पर क्रीज पर आए फजलहक फारुकी को ये तक नहीं पता था कि वे अभी भी मैच में हैं। उन्होंने अगली फुलटॉस गेंद को भी डिफेंड किया, जबकि तीसरी गेंद पर खाली और चौथी गेंद पर वे lbw आउट हो गए। उस समय अफगानिस्तान को जीत के लिए 3 रन चाहिए थे और ऐसे में श्रीलंका ने 2 रन से मैच जीतकर सुपर 4 के लिए क्वॉलिफाई कर लिया।
37. 1 ओवर के बाद का इक्वेशन ये था कि 37.3 गेंदों में अगर टीम 295 या 297 रन बना लेती तो मैच जीत जाती और नेट रन रेट बेहतर होता। इसके अलावा एक मौका ये भी था कि टीम 37.5 ओवर में 297 रन बना लेती तो नेट रन रेट बराबर हो जाता और इस स्थिति में टॉस के जरिए सुपर 4 का फैसला होता। हालांकि, अफगानिस्तान की टीम को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी, जिसका खुलासा मैच के बाद अफगानिस्तान टीम के हेड कोच जोनाथन ट्रॉट ने किया है।
उन्होंने कहा, "उनकी टीम को इस बात का अंदाजा नहीं था कि 37.1 ओवर के बाद भी लक्ष्य का पीछा करना संभव है। उन्हें केवल यह पता था कि उन्हें 37.1 ओवर के भीतर ही लक्ष्य का पीछा करना होगा। 37.3 या 37.5 ओवर में 295 या 297 रन बनने का कोई बात उनको नहीं बताई गई थी।" इस पर भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कहा, "क्या मैच था। कोई विश्लेषकों का विश्लेषण करो…उन्हें इक्वेशन कैसे नहीं पता था?"
वहीं, भारत के एक और पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने ट्वीट किया, "अफसोस की बात है। अफगानिस्तान ने बहुत बहादुरी से लड़ाई लड़ी, लेकिन इस बात से अनजान थे कि आखिरी 3 गेंदों में 6 रन उन्हें मिल सकते थे और उन्होंने यह सोचकर ब्लॉक करना चुना कि वे ऐसा नहीं कर सकते। 2003 विश्व कप में मार्क बाउचर की याद दिला दी गई। विशेष रूप से ऐसे क्वॉलिफिकेशन सेनेरियो में सपोर्ट स्टाफ को अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है।"