समिति में निर्णय पारित पशुओं को खुला छोड़ने पर लगेगा जुर्माना और होगी एफआईआर
मंडला
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने जिले की सड़कों और नेशनल हाईवे में घूमने वाले आवारा पशुओं की रोकथाम और व्यवस्थापन के लिए जिला योजना भवन में जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति तथा पशुपालन एवं डेयरी विभाग की बैठक ली। आयोजित बैठक में समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि ऐसे पशुपालक जो अपने मवेशियों को खुला छोड़ देते हैं उन्हेंा प्रथम बार में 500 रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा। द्वितीय बार में 2000 रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा तथा तीसरी बार में 5000 रूपए का जुर्माना और एफआईआर दर्ज की जाएगी। जिससे शहरों के मुख्य मार्गों पर झुंड बनाकर घूमने वाले आवारा पशुओं के कारण राहगीरों एवं वाहनचालकों के लिए होने वाली परेशानी को समाप्त किया जा सके। इससे जनधन एवं पशुधन की हानि नहीं होगी।
आयोजित बैठक में नगरपालिका मंडला के अध्यक्ष विनोद कछवाहा, जिला पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित वर्मा, संयुक्त कलेक्टर ऋषभ जैन, मुख्य नगरपालिका अधिकारी मंडला, नैनपुर, निवास, बिछिया, बम्हनी सहित गौ संवर्धन समिति, गौ संरक्षण संवर्धन संस्थान, दयोदय पशु सेवा सदन के पदाधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर ने पशुओं के लिए संचालित 10 एम्बुलेंस वाहन में से 2 एम्बुलेंस वाहन रात्रि कालीन सेवा के लिए संचालित करने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। रात्रि कालीन सेवा के लिए डॉक्टर और वाहन चालकों की भी नियमित रूप से ड्यूटी लगाने को कहा गया। जिससे रात्रिकालीन पशुओं की दुर्घटना होने पर उनका उपचार किया जा सके।
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने कहा कि समिति द्वारा पारित निर्णय का सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी कर लोगों को सूचना दी जाएगी कि सभी पशुपालक अपने पशुधन को अपने घरों में सुरक्षित रखें।
कोई भी पशु मालिक अपने पशुओं को खुले में या आवारा न छोड़ें। यह सूचना देने का कार्य शहरी क्षेत्रों के लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी की होगी। उन्होंने कहा कि मुख्य मार्ग में बैठने वाले पशुओं की सुरक्षा के लिए हॉकर रखे जाएंगे जो कि मुख्य सड़क मार्ग से हटाकर पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएंगे। जिससे मुख्य सड़क मार्ग में किसी भी प्रकार की दुर्घटना न घटे। आवारा पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए पंचायतों में पशु शेड का भी निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पशु दुर्घटना होने पर इसकी सूचना तत्काल पशु चिकित्सा विभाग या हेल्पलाईन नंबर 1962 में दी जा सकेगी। पशु दुर्घटना की सूचना मिलने पर पशु चिकित्सा विभाग को तत्काल घटना स्थल में पहुंचकर उपचार करना होगा।
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने पशुओं के ट्रेकिंग की भी समीक्षा की। गौ संवर्धन समीति के सदस्यों की मांग पर ट्रेकिंग में पशुपालक के पता के साथ-साथ उनका मोबाईल नंबर भी दर्ज करने के निर्देश दिए। जिससे सड़कों में बैठे पशुओं के मालिक से संपर्क कर उन्हें पशु सौंपा जा सके। उन्होंने कहा कि जिन पशुओं में ट्रेकिंग नहीं है उन पशुओं पर तत्काल ट्रेकिंग लगाई जाए। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने निर्देश दिए कि आवारा पशुओं को गौशाला या कांजीहाउस में रखा जाए। जिससे सड़कों में आवारा पशुओं को रोका जा सके। उन्होंने कांजीहाउस में पशुओं की खुराक के लिए भूसा एवं चारा की व्यवस्था जन सहयोग और शासकीय मद से करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने गौ संवर्धन समीति के सदस्यों की मांग पर आवारा घूमने वाले सभी पशुओं को चिन्हित कर उनके सीगों में रेडियम लगाने के निर्देश दिए। जिससे रात्रिकालीन में किसी भी प्रकार की दुर्घटना न घटे और पशुओं की सुरक्षा हो सके। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने गौ संवर्धन समिति के सदस्यों की मांग पर सब्जीमंडी में पत्तेदार सब्जी और कचरे का संग्रहण अलग-अलग करने के निर्देश दिए। जिससे सब्जी मंडी की पत्तेदार सब्जी को कांजीहाउस या गौशाला भेजकर पशुओं को आहार उपलब्ध कराया जा सके। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने गौ संवर्धन समिति की सदस्यों की मांग पर दुर्घटनाग्रस्त होने वाले पशुओं की सर्जरी भी समय पर कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने गौ संवर्धन समिति के सदस्यों की मांग पर गौशालाओं में कंड्डे, खाद और गौमूत्र का संग्रहण कर गौशाला के लिए एक अतिरिक्त आमदनी बनाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने मनरेगा योजना अंतर्गत गौशालाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने पंजीकृत शासकीय/अशासकीय गौशालाओं में गौरक्षा वर्ष 2024-25 में गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में मनाने के संबंध में कार्यवाही की समीक्षा की। जिन गांवों में गौशाला नहीं है वहां ग्राम पंचायतों द्वारा ग्राम स्तरीय गौथानों की स्थापना करने के निर्देश दिए। उन्होंने गौशालाओं हेतु चरनोई भूमि का चिन्हांकन एवं आवश्यकता अनुरूप अतिक्रमण मुक्त कर चरनोई भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए। जिले में संचालित गौशालाओं में उनकी क्षमता अनुसार पशुधन उपलब्ध कराने को कहा।