धार के 2019 के लाल चंदन तस्करी मामले की जांच अब सीबीआई करेगी
धार
मध्य प्रदेश के धार जिले में वर्ष 2019 में पकड़े गए लाल चंदन (रक्त चंदन) मामले की जांच अब सीबीआइ करेगी। मूल रूप से आंध्र प्रदेश में उत्पन्न होने वाले इस चंदन को देश के अलग-अलग राज्यों से होते हुए दुबई और चीन आदि देशों में चोरी से भेजने के संदेह के चलते सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में लिया है। वन विभाग ने वर्ष 2019 में इस मामले में प्रारंभिक अपराध रिपोर्ट (पीओआर) कायम की थी।
वन विभाग ने सीबीआई जांच की मांग की थी
तस्करी में अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का संदेह होने के चलते वन विभाग ने सीबीआई से प्रकरण प्रकरण अपने हाथ में लेकर जांच की मांग की थी। मामला गंभीर दिखने पर सीबीआई प्रकरण अपने हाथ में लेने को तैयार हुई। इसके बाद राज्य शासन ने इसकी अधिसूचना जारी की। प्रक्रिया पूरी करने के बाद सीबीआई ने 20 अगस्त को नए सिरे से इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वक्थावरचलम नामक शख्स को आरोपित बनाया
वन विभाग ने जैव विविधता अधिनियम के अंतर्गत वक्थावरचलम नामक शख्स को आरोपित बनाया था। इसी आधार पर सीबीआइ ने इसके साथ अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है। रक्त चंदन से इत्र व अन्य सुगंधित चीजें बनाई जाती हैं, इसलिए इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग है। वीरप्पन का नाम भी इसी चंदन की तस्करी से जुड़ा था। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रक्त चंदन विलुप्त श्रेणी की वन संपदा में सम्मिलित है, जिससे इसकी कटाई रोकने पर विशेष ध्यान है।
यह था मामला
16 सितंबर 2029 को डायरेक्टोरेट आफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) और वन विभाग ने एक ट्रक को जब्त किया था, जिसमें 15 हजार 530 किलोग्राम वजन के चंदन के 504 टुकड़े छिपाकर रखे हुए थे।
इसके बाद पीओआर कायम कर आरोप पत्र भी प्रस्तुत किया गया था। खलघाट टोल प्लाजा के निकट शाम लगभग पांच बजे ट्रक संख्या- एचआर 61 सी 1096 पहुंचा था।
इसमें चंदन की लकड़ी साबूदाना एवं चाक पावडर से भरी हुई बोरियों द्वारा ढक कर रखी गई थी। प्रकरण में दो आरोपित सुरेश कृष्णामूर्ति एवं पाल मुरुगन दोनों तमिलनाडु निवासी को पकड़ा गया था।
दोनों तमिल भाषी थे। उन्हें न हिंदी और न ही अंग्रेजी आती थी, इसलिए पूछताछ में दुभाषिए का उपयोग किया गया।
परिवहन बिल्टी के अनुसार, साबूदाना एवं चाक पावडर चेन्नई से यूपी मुरादाबाद ले जाना बताया गया था।