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इसरो छह साल बाद स्वतंत्रता दिवस पर एसएसएलवी – डी3 लॉन्च करेगा, उल्टी गिनती आज से

श्रीहरिकोटा
आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित होने वाले एसएसएलवी-डी3 के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती आज बुधवार को शुरू होगी।इसरो के सूत्रों ने बताया कि प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती कल यानी बुधवार को से शुरू होगी। कुल 175.5 किलोग्राम वजनी इस पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस-08) का प्रक्षेपण लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) का उपयोग करके किया जाएगा। यह एसएसएलवी-डी3 तीसर और अंतिम विकासात्मक प्रक्षेपण है और इस चरण में यह माइक्रोसैटेलाइट को लेकर स्वतंत्रता दिवस पर सुबह 09.17 बजे शार रेंज से उड़ान भरेगा।

उन्होंने कहा, "इस मिशन ने एसएसएलवी विकास परियोजना को पूरा किया है और भारतीय उद्योग तथा एनएसआईएल द्वारा परिचालन मिशनों को सक्षम बनाया है।"
उन्होंने कहा कि ईओएस-08 इसरो का नवीनतम पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है। ईओएस-08 मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में माइक्रोसैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना, माइक्रोसैटेलाइट बस के साथ संगत पेलोड उपकरण बनाना और भविष्य के परिचालन उपग्रहों के लिए आवश्यक नई तकनीकों को शामिल करना आदि हैं।

प्रक्षेपण के तुरंत बाद अंतरिक्ष यान मिशन विन्यास 37.4 डिग्री के झुकाव के साथ 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निम्न कक्षा (एलईओ) में संचालित होगा। एसएसएलवी तीन चरणों वाला प्रक्षेपण यान है, जिसे तीन ठोस प्रणोदन चरणों और एक टर्मिनल चरण के रूप में तरल प्रणोदन आधारित वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल (वीटीएम) के साथ निर्मित किया गया है। एसएसएलवी का व्यास दो मीटर और लंबाई 34 मीटर है और यह 120 टन वजन उठा सकता है।

एसएसएलवी एसडीएससी/एसएचएआर से 500 किमी की प्लेनर कक्षा में 500 किलोग्राम के उपग्रह को ले जाने में सक्षम है। एसएसएलवी की प्रमुख विशेषताएं कम लागत, कम टर्न-अराउंड समय, कई उपग्रहों को समायोजित करने में लचीलापन, मांग पर प्रक्षेपण व्यवहार्यता तथा न्यूनतम प्रक्षेपण बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को पूरा करना है।

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