अंतर्राष्ट्रीय

हिज्बुल्लाह ने दागी इजरायल पर 30 मिसाइलें, मदद के लिए आगे आया अमेरिका

गाजा

मिडिल ईस्ट में लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच हिज्बुल्लाह ने इजरायल पर लगभग 30 प्रोजेक्टाइल मिसाइलें दागी गई हैं. इजरायल की सेना आईडीएफ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि लेबनान की तरफ से बीती रात कई मिसाइलें दागी गईं.

लेबनान के संगठन हिज्बुल्लाह ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उन्होंने इजरायल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर ये हमला किया. इनमें से अधिकतर मिसाइलें खुले मैदानों में जाकर गिरी, जिससे किसी तरह के जान एवं माल का नुकसान नहीं हुआ.

इस हमले के बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने मिडिल ईस्ट में गाइडेड मिसाइल सबमरीन की तैनाती करने का आदेश दिया. उन्होंने इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट से बात की और उन्हें बताया कि उन्होंने मदद के लिए दो जहाज और एक सबमरीन की तैनाती के आदेश दिए हैं.

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने जारी बयान में कहा कि रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने अब्राहम लिंकन स्ट्राइक ग्रुप से मिडिल ईस्ट में हथियारों की सप्लाई और बढ़ाने को कहा है.

गाजा में इजरायली हमलों से हालात भयावह होते जा रहे हैं. इजरायली सेना ने उत्तरी गाजा को एक बार फिर से खाली करने का आदेश दे दिया है. इसके बाद से मध्य और पूर्वी खान यूनिस समेत दक्षिण गाजा पट्टी से व्यापक स्तर पर पलायन शुरू हो गया है. बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने सामानों के साथ चेतावनी वाली जगहों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने की कोशिश में जुटे हैं. इनमें से कई लोग तो तीसरी बार विस्थापित हो रहे हैं.

पिछले दो दिनों में गाजा सिटी और खान यूनिस में 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इजरायली सेना का दावा है कि उसने हमास के 19 लड़ाकों को मार गिराया है. इजरायल डिफेंस फोर्सेस ने एक बयान में कहा है कि गाजा शहर में स्थित अल-तबाईन स्कूल परिसर में आतंकियों के सक्रिय होने की खुफिया सूचना मिली थी. इसके बाद आईडीएफ और आईएसए ने आतंकवादियों पर हवाई हमला किया, जिसमें 19 आतंकी मारे गए हैं.

आईडीएफ ने हमास के उन 19 लड़ाकों की लिस्ट जारी की है, जिन्हें मार गिराया गया है…

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने इस हमले को नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध बताया. उन्होंने कहा कि इजरायल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वो किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून या नैतिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं है. इजरायल का सामना करने का एकमात्र तरीका यह है कि मुस्लिम देश एक साथ आएं और फिलिस्तीनी राष्ट्र का समर्थन करें. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कार्रवाई की मांग की गई है.

उधर, हमास की कैद से इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए तेल अवीव में एक बार फिर प्रदर्शन हुआ. सड़कों पर उतरे हजारों लोगों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बंधकों को छोड़ाने के लिए हमास से शांति समझौता करने की अपील की है. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों को डर है कि गाजा में युद्ध लंबा खींचता है तो ज्यादा बंधक मारे जाएंगे. इस प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों प्रधानमंत्री नेतन्याहू से इस्तीफा भी मांगा है.

तेल अवीव में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का दावा है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार बंधकों को छुड़ाने और देश को चलाने में पूरी तरह से असमर्थ है. ऐसे में नेतन्याहू को तुरंत इस्तीफा देकर देश में आम चुनाव कराना चाहिए.. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था, करीब आधे बंधकों को हमास अब तक छोड़ चुका है. लेकिन अभी भी 100 इजरायली उसकी कैद में है.

बताते चलें कि ईरान की राजधानी तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या के बाद हमास के नए चीफ का चुनाव कर लिया गया. अब याह्या सिनवार हमास का नया प्रमुख होगा, जिसे बेहद खूंखार माना जाता है. 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए कत्लेआम का मास्टरमाइंड सिनवार को ही माना जाता है. उसके नेतृत्व में हमास के लड़ाकों ने 1200 इजरालियों को मौत की नींद सुला दिया था. उसके बाद से ही आईडीएफ उसकी तलाश में है.

इजरायल से ईरान और लेबनान क्यों हैं खफा?

बीते महीने ईरान की राजधानी तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा है. हानिया की हत्या में इजरायल का हाथ बताया गया है. इस घटना से एक दिन पहले लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के शीर्ष सैन्य कमांडर फउद शुकर की हत्या कर दी गई थी. हानिया, गाजा में हमास का चीफ था और वो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने तेहरान गया था.

हानिया की हत्या के बाद ईरान ने इजरायल को अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी. इसके बाद से हिजबुल्लाह ने इजरायल को टारगेट बनाना शुरू कर दिया. इससे पहले भी हिजबुल्लाह ने इजरायल पर करीब 50 रॉकेट दागे थे. हालांकि इजरायल के आयरन डोम ने इस हमले को नाकाम कर दिया था.

ईरान और हिजबुल्लाह की ओर से बदला लिए जाने का ऐलान करने पर मिडिल ईस्ट में बड़े स्तर युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए इमरजेंसी मीटिंग की थी. पेंटागन ने आगे की स्थिति को रोकने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती का ऐलान किया है.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button