जतारा-टीकमगढ़ मुख्य मार्ग पर 15 साल पहले बना नदी का पुल पानी के तेज बहाव में बह गया
टीकमगढ़, जतारा
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 15 साल पहले लाखों रुपए की लागत से जतारा-टीकमगढ़ मुख्य मार्ग से रामगढ़, चंद्रपुरा, हरपुरा आदि गांवों में आने जाने की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा मुख्य मार्ग से गांव को जोड़ने के लिए सड़क के साथ उर नदी पर रामगढ़ गांव के पास आधा किलोमीटर दूर पुल नदी पर बनाया गया था, ताकि ग्रामीणों को मुख्य मार्ग से अपने गांव जाने के लिए परेशानियों का सामना न करना पड़े।
नदी में पानी होने से टूट जाता था संपर्क
बारिश के मौसम में नदी में अधिक पानी होने के कारण इन गांव का संपर्क टूट जाता था, वह ग्रामीण कई दिनों तक बीमार होने या आवश्यक सामग्री खरीदने के लिए अपने गांव से जतारा-टीकमगढ़ नहीं आ पाए थे। गांव में ही मजबूर होकर रह जाते थे।
तीन दिन की तेज बारिश से बिगाड़ दी हालत
ऐसे हालातों में ग्रामीणों को सरकार की ओर से सड़क और पुल की सौगात मिली थी और निर्माण होने से राहत मिलती थी, लेकिन 15 साल से इतनी तेज बारिश नहीं हुई जिससे लोगों को इतनी अधिक परेशानी नहीं हुई, लेकिन बीते तीन दिन पहले तेज बारिश होने के कारण उर नदी ने तीस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया और बारिश के पानी नदी पर बना पुल का बीच का हिस्सा पानी में बह गया, जिससे अब ग्रामीण को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पन्ना जिले में लगातार बारिश से रैपुरा से बोरी मार्ग अवरोध
पन्ना के शाहनगर में लगातार 8 से 10 घंटे की बारिश में ग्राम बोरी, रेपुरा, पहुंच मार्ग अवरोध केन नदी में पुल के ऊपर 3 से 4 फुट पानी आ गया। इस कारण शाहनगर से रेपुरा बोरी सहित अन्य ग्रामों का मार्ग अवरोध हुआ। कई ग्रामों से संपर्क टूटा, यहां तक की सुबह से विद्यालय आए छात्र भी वापस अपने घर नहीं पहुंच पा रहे हैं। जानकारी लगते ही मौके पर पहुंचे प्रशासन के स्थानीय अधिकारी, पुलिस सुरक्षा इंतजाम मे लगे ताकि कोई अनहोनी ना हो सके।
बच्चे पढ़ाई से वंचित
बारिश के मौसम में यहां के रहवासियों को नदी में तैरकर निकलना पड़ रहा है। वहीं छोटे-छोटे मासूम बच्चे अपने गांव से आगे की पढ़ाई करने के लिए नजदीकी गांव हरपुरा में स्थित हाईस्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं। साथ ही बीमार होने पर लोगों अपना उपचार कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जतारा नहीं आ पा रहे।
बीच के हिस्से में सीमेंट की जगह रेत और मिट्टी भर दी
ग्रामीणों ने बताया कि नदी पर जो पुल बना है, उसे पुल की दीवारें तो मजबूत है, मगर बीच के हिस्से में ठेकेदार द्वारा सीमेंट की जगह रेत और मिट्टी भर दी गई थी और उसके ऊपर छत डाल दी गई थी, लेकिन पानी के तेज होने वह पूरी बह गया है, जिससे ग्रामीणों का पुल से निकलना बंद हो गया है और यहां के ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। यहां के ग्रामीणों जल्द से जल्द पुल का निर्माण कार्य जाने की मांग जिला प्रशासन से की है।