खेल संसार

ओलंपिक में भारत के छह मुक्केबाज भाग ले रहे, निकहत और लवलीना पर टिकी रहेंगी देश की निगाहें

पेरिस
 विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता निकहत ज़रीन, लवलीना बोरगोहेन और निशांत देव ओलंपिक खेलों में शनिवार से शुरू हो रही मुक्केबाजी प्रतियोगिता में मुश्किल ड्रॉ से पार पाकर भारत को पदक दिलाने की कोशिश करेंगे।

भारत ने मुक्केबाजी में अभी तक तीन ओलंपिक पदक जीते हैं। इनमें विजेंदर सिंह एकमात्र पुरुष मुक्केबाज हैं। उन्होंने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। इसके चार साल बाद लंदन में एमसी मैरीकॉम और 2021 में तोक्यो ओलंपिक में लवलीना ने कांस्य पदक हासिल किया था।

पेरिस ओलंपिक में भारत के छह मुक्केबाज भाग ले रहे हैं जिन्हें कठिन ड्रॉ मिला है। इनमें जरीन को पदक का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। इस 28 वर्षीय खिलाड़ी को 50 किग्रा भार वर्ग में चीन की वू यू, थाईलैंड की चुथामत रक्सट और उज्बेकिस्तान की सबीना बोबोकुलोव की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

जरीन रविवार को जर्मनी की मैक्सी क्लॉटजर के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी, जिसके बाद उनका सामना एशियाई खेलों की शीर्ष वरीयता प्राप्त और मौजूदा फ्लाईवेट विश्व चैंपियन वू से हो सकता है।

अगर जरीन यह बाधा पार कर लेती हैं, तो उनका सामना आठवीं वरीयता प्राप्त और एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता रक्सट या बोबोकुलोवा से हो सकता है। इन दोनों मुक्केबाजों ने हाल में भारतीय खिलाड़ी को हराया था।

अनुभवी अमित पंघाल (51 किग्रा) को पहले दौर में बाई मिली है। राउंड 16 में उनका सामना अफ्रीकी खेलों के चैंपियन जाम्बिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से होगा, जिन्हें भारतीय खिलाड़ी ने राष्ट्रमंडल खेलों में हराया था।

पंघाल का क्वार्टर फाइनल में एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता थाईलैंड के थितिसन पनमोद से तथा सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के मौजूदा विश्व चैंपियन हसनबॉय दुसमातोव से सामना हो सकता है।

निशांत को भारतीय खिलाड़ियों में सबसे अच्छा ड्रॉ मिला है। उन्हें भी पहले दौर में बाई मिली है। वह गुरुवार को प्री क्वार्टर फाइनल में इक्वाडोर के रोड्रिगेज टेनोरियो से भिड़ेंगे।

अगर निशांत टेनोरियो को हरा देते हैं, तो क्वार्टर फाइनल में उनका सामना मैक्सिको के मर्को वर्डे से हो सकता है। सेमीफाइनल में पहुंचने पर उनका सामना जापान के शीर्ष वरीयता प्राप्त सेवोन ओकाजावा से हो सकता है।

लवलीना लगातार दूसरे ओलंपिक खेलों में पदक जीत कर इतिहास रचने की कोशिश करेंगी। वह पहले दौर में नॉर्वे की सुन्नीवा हॉफस्टैड से भिड़ेंगी। क्वार्टर फाइनल में उनके सामने चीन की ली कियान के रूप में कड़ी चुनौती होगी, जो एशियाई खेलों की चैंपियन और दो बार की ओलंपिक और विश्व पदक विजेता हैं।

एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता प्रीति पवार (54 किग्रा) पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग ले रही हैं। पहले दौर में उनका मुकाबला वियतनाम की वो थी किम अन्ह से होगा।

एक अन्य नवोदित मुक्केबाज जैस्मीन लाम्बोरिया (57 किग्रा) को भारतीय खिलाड़ियों में सबसे मुश्किल ड्रॉ मिला है। वह अपने शुरुआती मुकाबले में फिलीपींस की तोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता और पूर्व विश्व चैंपियन नेस्टी पेटेसियो से भिड़ेंगी।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button