धर्म संस्‍कृति

बुध ग्रह को मजबूत बनाने के ज्योतिषीय उपाय

ज्ञान का पिटारा

दिशाओं के ज्ञान का नियम कहता है कि रविवार को पूर्व की यात्रा अच्छी होती है। दक्षिण में यात्रा के लिए सोमवार, पूर्व व दक्षिण के लिए मंगलवार, पूर्व एवं पश्चिम की यात्रा के लिए बुधवार अनुकूल है। गुरुवार को दक्षिण के अलावा अन्य सभी दिशाओं में यात्रा उत्तम है। शुक्रवार की शाम को आरंभ किया गया सफर कामयाबी देता है। शनिवार को अपने घर की यात्रा को छोड़ अन्यत्र की यात्रा में सफलता संदिग्ध मानी गई है।

इसे भी आजमाएं

समय पर मस्तिष्क काम न करे, लोगों के बीच बोलने में घबराहट हो, ज़ुबान लड़खड़ाती हो, गणित, सांख्यिकी, अकाउंट, कॉमर्स समझ में न आते हों, व्यापार में बार-बार नुक़सान हो, तो मान्यताओं के अनुसार हर बुधवार को हरे कपड़े में पांच मुट्ठी साबुत मूंग बांधकर सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद जल प्रवाह करने से लाभ होगा।

कुंडली के चतुर्थ भाव में यदि राहु आसीन हों, तो व्यक्ति पराक्रमी और साहसी होता है। शासन सत्ता से सुख प्राप्त होता है, लेकिन बड़ी कामयाबी की राह में अक्सर विघ्न उत्पन्न हो जाता है। इन्हें राजनीतिज्ञों का वरदहस्त मिलता है। मां का पूर्ण सुख हासिल होता है, पर उनसे अंतर्विरोध भी बना रहता है। चित्त परेशान रहता है। सरकारी अधिकारियों के सहयोग से अपार लाभ मिलता है। भौतिक सुख साधनों में वृद्धि होती है। ब्रांडेड वस्त्र और अच्छे आभूषण का आनंद मिलता है। इनका कार्यस्थल जन्म स्थान से दूर होता है। ये लोग विदेशों में जाकर बेहद सफल होते हैं। पर्यटन में इनकी गहरी रुचि होती है। साझेदारी के काम में अच्छे परिणाम मिलते हैं। यह राहु कभी-कभी एक से अधिक विवाह या अनेक संबंध का भी कारक बनता है। जीवन साथी विपरीत परिस्थिति में भी सहयोगी होता है। पुत्र संतान की संख्या अल्प होती है। उम्र के छत्तीस से छप्पन साल के मध्य भाग्य अधिक प्रबल रहता है। इस भाव का अशुभ राहु मानसिक अशांति का सबब बनता है। ढेरों भौतिक सुख साधनों के बाद भी अंतर्मन दुखी रह सकता है।

प्रश्न: न्यूमरॉलजी यानी अंक ज्योतिष देसी है या विदेशी? इसकी खोज कब हुई? कृपया विस्तार से बताएं। -मयंक गुप्ता
उत्तर: अंक ज्योतिष देसी नहीं, एक पाश्चात्य विद्या है। इसकी जड़ें छठी शताब्दी ई.पू. से पाई जाती हैं। शुरुआती गणितज्ञों यथा 'पाइथागोरस' इत्यादि के काल में अंक ज्योतिष गणित का ही महत्वपूर्ण हिस्सा था। तब लोगों में गणित के प्रति रुचि का कारण ही न्यूमरॉलजी हुआ करती थी, लेकिन अब इसे गणित का अंग नहीं माना जाता। आधुनिक गणितज्ञ इसे 'छद्म गणित' (Pseudo Mathematics) मानते हैं। पुराने विचारकों जैसे पाइथागोरस आदि ने अंक यानी संख्या के मानव मस्तिष्क पर प्रभाव के बारे में कई शोध किए। 1658 में 'थॉमस ब्राउन' ने 'द गार्डन ऑफ सायरस' में अंक 5 की रहस्यमयी अकूत ताक़त का उल्लेख किया था। न्यूमरॉलजी के बढ़ते चरण में कीरो जैसे विचारकों व दार्शनिकों के रिसर्च को लेकर यह विद्या संपूर्ण संसार में फैल गई। हालांकि, बहुत पहले 354-430 AD के मध्य 'हिप्पी' के दार्शनिक 'ऑगस्टिन' ने लिखा है कि 'अंक' एक ऐसी भाषा है, जिसे प्रभु ने हमें सत्य की पुष्टि के लिए उपहार स्वरूप दिया है। उनके अनुसार पृथ्वी की हर शय का अंक से कोई गुप्त और सुप्त नाता ज़रूर है। तब साहित्य में भी उसका अक्स नज़र आने लगा था। जब यह भारत पहुंची, तो यहां ग्रहों और मंत्रों के आग़ोश में समाकर वैदिक रंगों में रंग गई।

प्रश्न: 24 तारीख़ को जन्मे लोग सफल होते हैं या असफल?-रजनी सहाय
उत्तर: किसी भी माह की 24 तारीख़ को जन्मे लोगों पर चंद्रमा, राहु और शुक्र का पूर्ण प्रभाव होता है। इस तिथि का स्वामी ग्रह शुक्र है, जो ऐश्वर्य, आनंद और संबंधों का मालिक है। इस तारीख़ को जन्मे लोग जीवन में अपार समृद्धि व धन हासिल करते हैं। इनमें विपरीत लिंगियों को आकर्षित करने की विशिष्ट क्षमता होती है। इन्हें समाज में बड़ी प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। इन्हें अक्सर भावनात्मक समस्या का सामना करना पड़ता है। ज़रा से प्रयास और दृढ़ संकल्प से कामयाबी इनका चरण चुंबन करती है। ये लोग स्वस्थ, मस्त और दीर्घायु होते हैं। इनकी सफलता में बड़ी ठसक होती है। अभिनय, सिनेमा, संगीत, नृत्य, थिएटर, कला, साहित्य और स्पोर्ट्स इत्यादि में ये बेहद कामयाब होते हैं। ये लोग जीवन में ज़मीं से फ़लक तक का सफ़र तय करते हैं।

प्रश्न: कुंडली में यदि सूर्य खराब हो, तो क्या करना चाहिए?-विदिशा सान्याल
उत्तर: सद्‌गुरुश्री कहते हैं कि अगर शारीरिक विकार घेरे रहते हों, मान-सम्मान न मिल रहा हो, प्रमोशन में बाधा आ रही हो या धन बार-बार फंस जाता हो या कुंडली में सूर्य खराब हो, तो लाल मिर्च के बीज युक्त जल से सूर्य को अर्घ्य देने, बुज़ुर्गों को आदर प्रदान करने व गायों को रोटी और गुड़ अर्पित करने से लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं, ज्योतिषिय मान्यताएं कहती हैं।

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