कलेक्टर अग्रवाल पारागांव एवं मालगांव पहुंचकर वृक्षारोपण अभियान में हुए शामिल
गरियाबंद,
जिले के सभी विकासखंडों में आज वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके तहत पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति की सुरक्षा केे लिए वृहद स्तर पर पौधरोपण किया गया। अभियान में जिलेवासियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। वृक्षारोपण अभियान के तहत 1 लाख 40 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया। इसके तहत कृषि, उद्यानिकी, महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा विभाग द्वारा जिलेभर में वृक्षारोपण किया गया।
अभियान की विशेष बात यह रही कि जिले की नवविवाहित, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं ने भी उत्साह के साथ वृक्षारोपण में भाग लिया। जिले की लगभग 17 हजार से अधिक महिलाओं ने 85 हजार से अधिक फलदार पौधों का रोपण किया। साथ ही पौधों को छोटे बच्चे की तरह देखभाल कर उन्हें बड़ा करने का संकल्प लिया। यह पौधे बड़े होकर कुपोषण से लड़ने में सहायक फलों का उत्पादन करेंगे। जिससे बच्चे और महिलाओं के साथ पूरा परिवार लाभान्वित होगा। वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल भी शामिल हुए। उन्होंने गरियाबंद विकासखण्ड के ग्राम पारागांव एवं ग्राम मालगांव में पहुंचकर फलदार पौधों का रोपण किया। उन्होंने लोगों को पौधों का महत्व बताते हुए अपने घरों में भी वृक्षारोपण करने का संदेश दिया। कलेक्टर श्री अग्रवाल की उपस्थिति में पारागांव के गर्भवती महिला श्रीमती चांदनी कंसारी ने अपने घर की बाड़ी में पौधारोपण किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव, डीपीओ श्री अशोक पाण्डेय एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी सहित मीडियाकर्मी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि जल शक्ति अभियान के तहत जिला प्रशासन द्वारा जल संरक्षण, पर्यावरण की दिशा में, ‘‘नारी शक्ति से जल शक्ति’’ अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत नवयुगल, गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के भविष्य के लिए फलदार पौधरोपण किया जा रहा है और उन पौधों को सहेजनें के लिए संकल्प पत्र भी भराया जा रहा है। ताकि उनके द्वारा रोपे गये पौधों को बच्चों की तरह देखभाल कर उन्हें बड़ा किया जा सके। इसके उपरांत फल लगने पर अपने बच्चों एवं परिवार के पोषण के लिए उपयोग किया जा सके। इस दौरान गर्भवती महिला श्रीमती चांदनी कंसारी ने अपने बाड़ी पर काजू, कटहल, मुनगा, अमरूद और नींबू पौध रोपण किया। इस पर कलेक्टर ने उन्हें अच्छे से अपने बच्चे की तरह देखभाल करने और बड़ा करने को कहा।