ग्रीन हाइड्रोजन पर बड़ा दांव खेलने की तैयारी में गौतम अडानी, 10,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद
नई दिल्ली
भारत और एशिया के दूसरे सबसे बड़े अमीर गौतम अडानी (Gautam Adani) ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में हैं। मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप (Adani Group) ने ग्रीन हाइड्रोजन बिजनस के पहले चरण के लिए नौ अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है। इसमें से चार अरब डॉलर का निवेश मशीनरी, मैन्युफैक्चरिंग प्लांट आदि पर किया जाएगा जबकि पांच अरब डॉलर 5 गीगावॉट इलेक्ट्रोलाइजर मेकिंग कैपिसिटी के विकास पर खर्च किए जाएंगे। माना जा रहा है कि इससे करीब 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। अडानी ग्रुप ने तीन मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन कैपेसिटी का टारगेट रखा है। इसमें से एक मिलियन टन कैपेसिटी 2030 तक हासिल करने का लक्ष्य है।
अडानी कई बार यह दावा कर चुके हैं कि उनकी दुनिया की सबसे सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन बनाएगी। सूत्रों के मुताबिक ग्रीन हाइड्रोजन का प्रॉडक्शन शुरू होने के बाद अडानी ग्रुप इसे जहाजों के जरिए यूरोप और कुछ एशियाई देशों को एक्सपोर्ट करेगा। इस सेक्टर में अडानी ग्रुप का मुकाबला लार्सन एंड टुब्रो, इंडियन ऑयल और ऑयल इंडिया से हो सकता है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में ग्रीन हाइड्रोजन की भूमिका को अहम माना जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन पानी और क्लीन इलेक्ट्रिसिटी से बनती है और इसे भविष्य का ईंधन कहा जा रहा है। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी ग्रीन एनर्जी में में 75 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है।
इलेक्ट्रोलाइजर
सूत्रों का कहना है कि अडानी ग्रुप के ग्रीन हाइड्रोजन बिजनस का पहले चरण एल्केलाइन इलेक्ट्रोलाइजर पर आधारित होगा। इसमें एक किलो हाइड्रोजन बनाने के लिए कम से कम नौ किलो पानी की जरूरत होती है। बाद में एनियन एक्सचेंज मेंबरेन पर आधारित इलेक्ट्रोलाइजर बनाएगा। ग्रीन बिजनस के लिए अडानी ग्रुप ने अडानी न्यू इंडस्ट्रीज नाम से एक कंपनी बनाई है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में अडानी ग्रुप की टोटल इनकम में इसकी हिस्सेदारी नौ फीसदी थी। अडानी ग्रुप की बिजनस कई सेक्टर्स में फैला है और यह मार्केट कैप के हिसाब से टाटा ग्रुप और रिलायंस के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा औद्योगिक घराना है।