जिम्बाब्वे को हराना इतना भी आसान नहीं, इन 3 कारणों से कप्तान गिल को होगी मुश्किल!
हरारे
भारत और जिम्बाब्वे के बीच 6 जुलाई से हरारे में पांच मैचों की टी20 सीरीज शुरू होने जा रही है। रिकॉर्ड में देखें तो दोनों टीमों के बीच कोई तुलना नहीं नजर आती है। भारतीय टीम मौजूदा टी20 विश्व कप चैम्पियन भी है तो वहीं जिम्बाब्वे इस बार विश्व कप के लिए क्वालीफाई तक नहीं कर पाया था। हेड टू हेड रिकॉर्ड की बात करें तो जिम्बाब्वे ने भारत के खिलाफ 8 टी20 मैचों में 6 मुकाबले हारे हैं, हालांकि इस अफ्रीकी टीम ने दो बार भारत को हराया भी है।
जिम्बाब्वे के खिलाफ इस मुकाबले में शुभमन गिल की कप्तानी में मैदान पर ‘यंग इंडिया’ नजर आएगी. हरारे में खेले जाने वाले इस मैच से अभिषेक शर्मा और रियान पराग अपने करियर का आगाज करेंगे. ध्रुव जुरेल, तुषार देशपांडे और हर्षित राण भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. अब देखना है कि इनमें से किसे डेब्यू का मौका मिलता है कि नहीं.
बीसीसीआई ने जिम्बाब्वे दौरे के लिए युवा खिलाड़ियों को मौका दिया है. इसी कारण भारत-जिम्बाब्वे के मुकाबले में एक ऐसा क्रिकेटर नहीं उतरेगा, जो टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया का सदस्य था. बीसीसीआई के यंग टीम उतारने से कई खिलाड़ियों को अपना इंटरनेशनल करियर शुरू करने का मौका मिल गया है. इनमें अभिषेक शर्मा और रियान पराग शामिल हैं. इस सीरीज में 5 मैच खेले जाएंगे.
2024 में भी जिम्बाब्वे का टी20 प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। ऐसे में भारत को ये सीरीज एकतरफा तरीके से जीतनी चाहिए लेकिन टीम इंडिया के लिए ये सब बहुत आसान नहीं होने जा रहा है क्योंकि एक तो ये टी20 प्रारूप है जहां विश्व कप 2024 में छोटी टीमों द्वारा कई बड़े उलटफेर देखने के लिए मिले हैं तो दूसरी ओर जिम्बाब्वे की टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी मौजूद हैं जिन्हें हल्के में लेने की भूल भारत नहीं करेगा।
जिम्बाब्वे के पास अनुभवी टीम, भारतीय के लिए कई करेंगे डेब्यू
जिम्बाब्वे को अपनी घरेलू परिस्थितियों में खेलने का लाभ भी मिलेगा जिससे युवा और अनुभवहीन टीम इंडिया के होनहार खिलाड़ियों के लिए ये सीरीज दिलचस्प साबित होगी। जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा अपनी टीम के सबसे अहम खिलाड़ी होंगे जिनको 86 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का अनुभव शामिल है। रजा मध्यक्रम के शानदार बल्लेबाज हैं और अच्छी स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते हैं।
जिम्बाब्वे के पास कई मैच विनर, पिच भी बड़ी फैक्टर
उनके अलावा ल्यूक जोंग्वे एक और अनुभवी खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2014 में डेब्यू किया था। इनके पास अनुभव है और ये जिम्बाब्वे के घरेलू क्रिकेट में एक बड़े बल्लेबाज हैं। इसके अलावा ल्यूक जोंग्वे नियमित तौर पर जिम्बाब्वे की सफेद गेंद क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे हैं।
स्विंग और पेस से गेम का होगा फैसला
ब्लेसिंग मुजरबानी इस समय जिम्बाब्वे के शानदार तेज गेंदबाज हैं। उनकी लंबाई के चलते मिलने वाला अतिरिक्त उछाल भी उनको टी20 क्रिकेट में एक उम्दा बॉलर बना देता है। इस बॉलर की प्रतिभा को देखते हुए लखनऊ सुपरजायंट्स की टीम ने उन्हें 2022 सीजन में लिया था। इसके अलावा तेंदई चतारा भी जिम्बाब्वे के एक तेज गेंदबाज हैं जो नई पिच पर गेंद को स्विंग करा सकते हैं। उनका एक्शन भी थोड़ा हटकर है और वे डेथ ओवर में यॉर्कर का बढ़िया इस्तेमाल कर सकते हैं।
भारतीय टीम इसलिए रहेगी सतर्कभारतीय टीम इन दोनों से सचेत रहना चाहेगी। जिम्बाब्वे को भारत के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना है तो बढ़िया शुरुआत की भी सख्त दरकार होगी जिसके लिए टीम अपने ओपनर इनोसेंट काइया पर काफी निर्भर करेगी। ये खिलाड़ी 2022 में वनडे डेब्यू के बाद से लगातार राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रहा है। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ पदार्पण सीरीज में अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई थी और बांग्लादेश के खिलाफ शानदार शतक लगातार अपनी टीम को 300 प्लस रन चेज करने में भूमिका निभाई थी। हालांकि टी20 क्रिकेट में इस खिलाड़ी को खुद को साबित करना अभी बाकी है लेकिन उनके पास अनुभव है और वे आने वाली सीरीज में भारतीय गेंदबाजी का अच्छा टेस्ट ले सकते हैं।