राजनीतिक

रेलवे ने कहा, ‘ राहुल गांधी ने जिन क्रू सदस्यों के साथ रेलवे स्टेशन पर चर्चा की, वे उनके लॉबी से नहीं थे’

नई दिल्ली

कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जाकर करीब 50 लोको पायलट्स से मुलाकात की और उनकी परेशानियों को जाना. राहुल के रेलव स्टेशन के दौरे को लेकर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं. उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने दावा किया कि राहुल गांधी ने जिन लोको पायलटों से मुलाकात की, वे कहीं और से लाए गए थे और वे भारतीय रेलवे लॉबी से नहीं थे.

रेलवे के मुताबिक, राहुल गांधी 8 कैमरामैन के साथ नई दिल्ली स्टेशन पहुंचे थे. रेलवे के मुताबिक, ऐसा लग रहा था कि वे स्टेशन पर फिल्म या रील बना रहे हैं.

उत्तर रेलवे के मुख्य पीआरओ दीपक कुमार ने कहा कि रेलवे द्वारा एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि राहुल अपने साथ कुछ कैमरामैन लेकर आए थे और रील बनाते हुए देखे गए हैं. वहीं एक स्टाफ का कहना है कि वह राहुल गांधी के निरीक्षण को फिल्म की शुटिंग समझकर देखने वहां पहुंचा था.

बीजेपी ने साधा निशाना

वहीं बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'ऐसा लगता है कि तीसरी बार असफल हुए राहुल गांधी दोपहर में लोको पायलटों से मिलने गए, उनके साथ आठ कैमरामैन और एक निर्देशक भी थे.आप उनकी गिनती कर सकते हैं…इससे भी ज़्यादा अजीब बात यह है कि वे रियल लोको पायलटों से नहीं मिले. पूरी संभावना है कि वे पेशेवर अभिनेता थे, जिन्हें उनकी टीम ने बुलाया था.'

राहुल गांधी ने की थी लोको पायलटों से मुलाकात

इससे पहले राहुल गांधी ने अपनी इस मुलाकात को लेकर कहा था, 'नई दिल्ली में देश भर से आए 50 लोको पायलटों से मुलाकात की. प्रतिदिन हज़ारों ट्रेन यात्रियों की ज़िम्मेदारी होती है इनके कंधों पर है मगर, देश के यातायात की ये रीढ़ सरकार की उपेक्षा और अन्याय का शिकार हैं. बिना उचित आराम और सम्मान के काम करने पर विवश हैं. उनकी समस्याएं सुन कर उनकी आवाज़ बुलंद करने का आश्वासन दिया – पहले भी किया है, और न्याय मिलने तक करता रहूंगा.'

कांग्रेस ने साधा था सरकार पर निशाना

कांग्रेस ने कहा कि लोको पायलट 46 घंटे के बाद साप्ताहिक आराम मांगते हैं. इसका मतलब है कि शुक्रवार दोपहर को घर लौटने वाला ट्रेन चालक रविवार सुबह से पहले ड्यूटी पर नहीं लौटेगा. विमान के पायलटों को भी आमतौर पर इतना ही आराम मिलता है. लोको पायलट्स ने ये भी मांग की कि लगातार दो रातों की ड्यूटी के बाद एक रात का आराम मिलना चाहिए और ट्रेनों में ड्राइवरों के लिए बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए. आराम की कमी की वजह कर्मचारियों की कमी है, क्योंकि सरकार ने लोको पायलटों की सभी भर्तियां रोक दी हैं.

कांग्रेस ने कहा कि पिछले 4 सालों में रेलवे भर्ती बोर्ड ने हजारों पदों पर रिक्तियों के बावजूद एक भी लोको पायलट की भर्ती नहीं की है. पायलटों ने आशंका जताई कि यह जानबूझकर उठाया गया कदम मोदी सरकार द्वारा रेलवे का निजीकरण करने की योजना है. पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी ने लोको पायलटों को आश्वासन दिया कि वे रेलवे के निजीकरण और भर्ती की कमी का मुद्दा लगातार उठाते रहे हैं. उन्होंने उनकी चिंताओं को सुना और पर्याप्त आराम की उनकी मांग का पूरा समर्थन किया. साथ ही उम्मीद जताई कि इससे हादसों में काफी कमी आएगी.

 

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