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कनाडा में फिर से मचाया उत्पात, भारतीय उच्चायोग को साढ़े 4 घंटे तक घेरे रहे खालिस्तानी

नई दिल्ली
कनाडा में खालिस्तानी तत्व लगातार अतिवादी कदम उठा रहे हैं। कई बार भारतीय उच्चायोग के सामने धरना दे चुके खालिस्तानियों ने फिर से उत्पात मचाया। ओटावा में स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने एक बार फिर से सिख्स फॉर जस्टिस नाम के खालिस्तानी संगठन के लोगों ने धरना दिया। इन लोगों ने करीब साढ़े 4 घंटों तक उच्चायोग को घेर कर रखा। इन लोगों का मकसद था कि भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को घेर कर रखा जाए। हालांकि इस दौरान कुछ भारत समर्थक भी वहां पहुंचे, जिनके हाथों में तिरंगे झंडे थे। ये लोग खालिस्तानियों का विरोध कर रहे थे। बीते एक साल से कम के अंदर ही कनाडा में ऐसे 20 प्रदर्शन हो चुके हैं। पिछले साल 18 जून को खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा के सरे में हत्या हो गई थी।

निज्जर के मारे जाने के बाद पहली बार 8 जुलाई, 2023 को प्रदर्शन हुआ था। खालिस्तानी कई बार भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को घेर चुके हैं और एक बार तो झड़प की कोशिश भी की थी। हालांकि तब कनाडा के सुरक्षाकर्मियों के चलते बीच-बचाव कर लिया गया था। हर घटना के दौरान भारत ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी और कनाडा से सुरक्षा व्यवस्था देने की मांग की थी। इसके चलते कनाडा ने सुरक्षा तो दी, लेकिन उसने कभी भी खालिस्तानियों पर रोक नहीं लगाई। गुरुवार को भारतीय उच्चायोग के सामने जुटे खालिस्तानियों ने भारत विरोधी नारे लगाए।

ये लोग वहां करीब साढ़े 4 घंटे तक डटे रहे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा में कमी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, 'सुरक्षा कम थी। हमने कनाडा सरकार के समक्ष शिकायत दर्ज करा दी है।' हालांकि अधिकारी ने कहा कि आंदोलन कर रहे खालिस्तानियों के चलते हमें कोई बाधा नहीं आई। बीते साल जुलाई से ही खालिस्तानी कनाडा में उग्र हैं। इन लोगों ने 'किल इंडिया' नाम से कैंपेन भी चलाया था। इसके अलावा भारतीय अधिकारियों की आपत्तिजनक तस्वीरें भी उन्होंने लहराई थीं।

कनाडा में खालिस्तानियों को तब ज्यादा बढ़ावा मिला, जब पीएम जस्टिन ट्रूडो ने संसद में भारतीय एजेंट्स पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया। उन्होंने संसद में कहा था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स का हाथ है। उनके इस आरोपों से खालिस्तानी तत्वों को बढ़ावा मिला है। इसके अलावा 4 भारतीय नागरिकों को अब तक इस मामले में कनाडा में अरेस्ट भी किया गया है। अब तक कनाडा इस मामले में कोई सबूत नहीं दे सका है। इन खालिस्तानी तत्वों ने कई बार मंदिरों को भी कनाडा में नुकसान पहुंचाया है।

 

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