रूस की सेना ने युद्ध में लंबी दूरी तय करने के लिए नए पैंतरे इस्तेमाल किए, यूक्रेन की सेना हैरत में
डोनबास
करीब ढ़ाई साल से ज्यादा समय से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध अब एक नए रूप में पहुंच गया है। यूक्रेन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में लगातार रूसी सैनिकों को ड्रोन और रॉकेटों के जरिए निशाना बनाया जा रहा था। जिसके कारण रूस को सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों के रूप में काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा था। अब रूसी सेना ने खुले मैदानों में हमला करने के लिए एक नई तकनीकि का इजाद कर लिया है। यूक्रेनी सेना के लेफ्टिनेंट मिखाइलो होबित्सकी ने एक हमले का जिक्र करते हुए बताया ," पहले तो एकदम से धूल का गुबार उठा और फिर उसमें से मोटरसाईकिलों पर सवार रूसी सैनिक तेज रफ्तार में धूल उड़ाते, शोर करते सामने आए और चारों तरफ फैल कर उन्होंने यूक्रेनी मोर्चे को चारों तरफ से घेर लिया और गोलीबारी शुरू कर दी।" मिखाइलो ने कहा कि इस तरह के हमले पहले से ही खतरनाक हो चुकी लड़ाई को और भी ज्यादा खतरनाक और उग्र बना दिया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि पिछले महीनों में जितने भी हमले यूक्रेनी सैनिकों या मोर्चों पर हुए हैं उन में इन मोटरसाइकिल, बग्गी वाली गाड़ी के हमलें सबसे ज्यादा घातक रहे हैं, क्योंकि यह रूसी सैनिकों को लगातार तेजी के साथ खुले मैदान में चलने के लिए मदद करते हैं और उनके जिग-जैग तरीके से चलने के कारण ड्रोन या फिर किसी और तरह का हमला करना मुश्किल होता है। जबकि इसके मुकाबले बख्तरबंद गाड़ियों पर हमला करना आसान होता है क्योंकि वे तेजी से नहीं निकल सकती और एक सीधी दिशा में गति करती हैं।
हर मीटर के लिए हो रही लड़ाई
रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेनी सेना के तोपखाने के कमांडर कैप्टन यारोस्लाव ने कहा," हम हर मीटर पर युद्ध लड़ रहे हैं, हम पिछले महीने रूस की सीमा में रॉकेट दाग रहे थे। रूस की सेना एक आक्रमक सेना है और जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ रहा है इसके लाभ में भी वृद्धि हुई है। रूसी सेना की सबसे बड़ी मजबूती यह है कि वह पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण आपूर्ति लाइनों और कस्बों के करीब है, जिससे उसे आपूर्ति की कोई कमी नहीं है। रूस ने मई 2023 में बखमुत शहर पर कब्जा कर लिया था, तब से वह एक साल में तीन मील तक आगे बढ़ गया है, रूस अब चासिव नहर के पास रूका हुआ है और यहां पर भी लगातार हमले कर रहा है।
बमबारी से देता है कवर, फिर पीछे से आ जाते हैं बाइकर्स
एक यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि रूसी सेना की तरफ से तेजी के साथ बमबारी की जाती है, जिससे यूक्रेनी सैनिकों को अपने मोर्चों में जाना पड़ता है। जिसमें बाहर निकलने पर रॉकेट का खतरा रहता है। इसके बाद रूसी सैनिक तेजी के साथ बाईक और बग्गी गाड़ियों पर सवार होकर आते हैं और सीधे ट्रेंच के ऊपर गोली बारी करना शुरू कर देते हैं। जिसके बाद लड़ाई वहां पर आमने-सामने की हो जाती है। यह मोटरसाईकिल और बग्गी गाड़ी बहुत तेज होती हैं और ड्रोन से बचने के लिए यह पेड़ों की लाईन में चलने की कोशिश करती हैं। रूस की सेना की इस नई योजना के कारण बहुत सारे यूक्रेनी सैनिकों को अपनी जान गवांनी पड़ी है। रूस ने इससे अपने कई बख्तरबंद वाहनों को बचा लिया है और लगातार सस्ती बाईक और बग्गी की मदद से यूक्रेन को काफी नुकसान पहुंचाया है।
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच पिछले ढ़ाई सालों से युद्ध चल रहा है, जिसमें यूक्रेन ने शुरुआत में रूस के बड़े-बड़े टैंकों और वाहनों को ड्रोन की मदद से मार गिराया था। इन हमलों में रूस को काफी नुकसान हुआ था। यूक्रेन का पूर्वी हिस्सा मैदानी है तो ऐसे में किसी भी सेना की कोई भी हरकत का पता आसानी से चल जाता था और उन पर हमला करना और भी आसान हो जाता था। यूक्रेन की इसी रणनीति का जवाब देने के लिए रूसी सेना ने मोटरसाइकिलों और बग्गी गाड़ियों का सहारा लेकर हमले की योजना बनाई है जिसके बाद यूक्रेनी सेना को इस लड़ाई में काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।