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बजट में नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था में छूट लिमिट को बढ़ाया जा सकता, पुराने टैक्‍स system में टैक्‍स स्‍लैब की दरों में बदलाव सम्भव

  नई दिल्‍ली
केंद्र में एक बार फिर NDA सरकार बन चुकी है और अगले महीने यानी जुलाई में बजट 2024 पेश होने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अधिकारियों के साथ मिलकर बजट तैयार कर रही हैं. गरीब परिवारों से लेकर मिडिल क्‍लास को इस बजट से खास उम्‍मीदें हैं. खासकर ऐसा माना जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में टैक्‍स छूट को लेकर कुछ ऐलान कर सकती हैं.

कई एक्‍सपर्ट का भी मानना है कि नए टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत छूट लिमिट को बढ़ाया जा सकता है. साथ ही पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत टैक्‍स स्‍लैब की दरों में बदलाव हो सकता है.

इसके अलावा, इनकम टैक्‍स की धारा 80C के तहत छूट लिमिट में भी इजाफा हो सकता है, ताकि मिडिल क्‍लास को निवेश के लिए और प्रेरित किया जा सके. हालांकि यह ऐलान बजट 2024 के समय ही कंफर्म होगा.

3 से 5 लाख हो सकती है इनकम पर टैक्‍स सीमा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में किसी भी टैक्‍स से पहले व्यक्तियों के लिए आय सीमा को मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती हैं. सरकार बजट 2024 में टैक्‍स कटौती लाकर कम आय वाले व्यक्तियों के लिए खपत को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. बिजनेस टुडे पर छपी मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका उद्देश्य डिस्पोजेबल आय को बढ़ाना है, जिससे खपत और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले.

न्‍यू टैक्‍स व्‍यवस्‍था वालों को मिलेगा लाभ
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह छूट केवल न्‍यू टैक्‍स व्यवस्था के तहत रिटर्न दाखिल करने वालों पर लागू होगा और इसका उद्देश्य खासकर कम आय वर्ग के लोगों के लिए ज्‍यादा बचत करना शामिल है. केंद्रीय बजट 2023 में वित्त मंत्री सीतारमण ने नई टैक्‍स व्यवस्था को डिफॉल्‍ट टैक्‍स सिस्‍टम बना दिया.

इसे शुरू में बजट 2020 में पेश किया गया था, जिसने टैक्‍सपेयर्स को पुरानी टैक्‍स व्यवस्था के बजाय इसे चुनने की अनुमति दी, जो कटौती और छूट से भरी हुई है.  

टैक्‍स स्‍लैब में क्‍या होगा बदलाव?
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मोदी सरकार 3.0 उद्योग जगत के अनुरोध पर विचार करते हुए नई कर व्यवस्था के तहत उच्चतम व्यक्तिगत आयकर स्लैब दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर सकती है. अधिकारी ने कहा कि उच्च आयकर स्लैब में बदलाव की संभावना नहीं है, क्योंकि वर्तमान में निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए उपभोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.

 

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