पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी दिल्ली AIIMS में भर्ती, हालत स्थिर
नई दिल्ली
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ गई है। 96 वर्षीय आडवाणी को बुधवार देर रात दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया। उन्हें एम्स के जिरियाट्रिक डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है।
जानकारी के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री को उम्र संबंधी परेशानियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। वह 2014 के बाद से ही सक्रिय राजनीति से दूर हैं। हाल ही में उनकी तस्वीर सामने आई थी, जब एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे मिलने उनके घर गए थे और उनका आशीर्वाद लिया था।
कई सालों से सक्रिय राजनीति से दूर
8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जन्मे आडवाणी 96 साल के हो चुके हैं. वे साल 2014 के बाद से सक्रिय राजनीति से दूर हैं. आडवाणी लंबे समय से आरएसएस से जुड़े रहे हैं. उनके राजनीतिक सफर की बात करें तो 1951 में जब जनसंघ की स्थापना हुई, वे तब से साल 1957 तक पार्टी सचिव रहे. इसके बाद 1973 से 1977 तक वे जनसंघ के अध्यक्ष रहे. साल 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई तब आडवाणी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. 1980 से 1986 तक बीजेपी के महासचिव रहे और तीन बार वो बीजेपी के अध्यक्ष रहे.
देश के गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री रह चुके हैं आडवाणी
एल के आडवाणी 5 बार लोकसभा सांसद और 4 बार राज्यसभा सांसद रहे हैं. साल 1977 से 1979 तक उन्होंने पहली बार केंद्रीय मंत्री के तौर पर जिम्मा संभाला. इस दौरान वोसूचना प्रसारण मंत्री रहे. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद आडवाणी को केंद्रीय गृहमंत्री बनाया गया. इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमंत्री पद का दायित्व भी सौंपा गया.
अयोध्या की रथयात्रा का श्रेय
लाल कृष्ण आडवाणी वो नेता हैं, जिन्होंने राजनीति में रथयात्रा का कल्चर शुरू किया. 1990 में जब अयोध्या में राम मन्दिर की मांग चरम पर थी, तब आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली, जिसकी वजह से देश की राजनीति में हिंदुत्व की राजनीति ने उभरना शुरू किया. हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया. लेकिन इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद बहुत बड़ा हो गया था. 1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुंचा दिया था. वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल है.
इसी साल हुए हैं भारत रत्न से सम्मानित
2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. वहीं इसी वर्ष भारत सरकार द्वारा देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया है. हाल ही में उनकी तस्वीर सामने आई थी, जब एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे मिलने उनके घर गए थे और उनका आशीर्वाद लिया था. आज सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एम्स के डायरेक्टर एम श्रीनिवास से फोन पर बात करके आडवाणी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. इस बीच उन्होंने आडवाणी के बेटे जयंत और बेटी प्रतिभा से भी फोन पर बात की.
पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में जन्मे आडवाणी को भारत सरकार ने इसी साल देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा है। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं। लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है।