प्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाले में पटवारी और आरआई की भूमिका की होगी जांच, सीएम मोहन यादव का सख्त रुख
भोपाल
प्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाले में सीबीआई, पुलिस, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों और नर्सिंग कॉलेज व विश्वविद्यालय के स्टाफ की संलिप्तता के बाद पटवारी और आरआई की भूमिका की भी जांच की जाएगी। इसको लेकर राजस्व विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। पटवारी और आरआई नर्सिंग कॉलेज भवन का ले आउट, नियमानुसार कॉलेज भूमि का क्षेत्रफल का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करके स्वीकृति देते थे, लेकिन कुछ कॉलेज किराए के भवन में संचालित होते पाए गए और कुछ ने तो भवन निर्माण की शर्तों के विरुद्ध कम भूमि में कॉलेज बना लिए हैं। बावजूद इसके ऐसे कॉलेजों को स्वीकृति दे दी गई।
ऐसे में राजस्व विभाग पटवारी और आरआई द्वारा जारी रिपोर्ट की जांच कराएगा कि घोटाले में कहीं आरआई और पटवारी की भूमिका तो नहीं। वहीं कॉलेजों की भूमि का सीमांकन भी कराया जाएगा, इस आधार पर इनकी भूमिका तय कर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
सीएम मोहन यादव का सख्त रुख
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सख्त रुख के बाद जांच दल में शामिल अधिकारी-कर्मचारियों की पहचान कर नोटिस थमाया गया। मुख्यमंत्री ने पिछले माह बैठक लेकर सख्त निर्देश दिए थे कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने इन कॉलेजों की जांच कर पात्र बताया था, उन्हें भी चिन्हित कर कार्रवाई की जाए।
इस मामले में राजस्व विभाग ने जांच के पर्यवेक्षण (सुपरविजन) में शामिल 16 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को भी नोटिस देकर जवाब मांगा है। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन मध्य प्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्थाओं को मान्यता प्रदान करने के संदर्भ में गठित निरीक्षण दल के सदस्य के रूप में त्रुटिपूर्ण निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। जांच दल के प्रभारी के तौर पर टीम में शामिल डिप्टी कलेक्टरों को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से नोटिस का उत्तर नहीं देने वाले अधिकारी-कर्मचारी को पुनः: स्मरण पत्र भेजे जाएंगे।
सीबीआई जांच में कैसे अनफिट हो गए
नर्सिंग कॉलेजों की जांच में हुए फर्जीवाड़े में राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जारी है। अलग-अलग जिलों में पदस्थ रहे तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। उनसे पूछा गया है कि आपने जांच में जिस कॉलेज को निर्धारित मापदंडों के अनुसार बताया, वे सीबीआई जांच में अनफिट कैसे हो गए। इसके पहले जांच दल में सदस्य के रूप में शामिल मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक और नर्सिंग अधिकारी मिलाकर 111 को नोटिस थमाया गया था।