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नीट में अगर 0.001% की भी लापरवाही मिली तो…SC ने NTA से मांगा जवाब

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट में NEET UG विवाद पर ग्रेस मार्क्स से जुड़ी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। यह केस जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवी भट्‌टी की वेकेशन बेंच के सामने रखा गया। कोर्ट ने कहा- अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है। बेंच ने सरकार और NTA से यह भी कहा कि कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति डॉक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर किसी की ओर से 0.001% लापरवाही है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को तय की है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बर्बाद समय के बदले ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 छात्रों के स्कोरकार्ड देखने के बाद उन्हें दिये गये ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिये। शीर्ष अदालत ने उन्हें 23 जून को दोबारा परीक्षा में शामिल होने या अपने वास्तविक मार्क्स के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग में भाग लेने का विकल्प दिया है। दोबारा हुई परीक्षा का परिणाम 30 जून को आएगा।

जस्टिस विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने एनटीए से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को उससे समय पर कार्रवाई की उम्मीद है। कोर्ट ने कहा कि जरा कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला एक व्यक्ति अगर डॉक्टर बन जाता है, तो वह समाज के लिए और भी अधिक हानिकारक होगा। पीठ ने कहा, "हम 8 जुलाई को इससे जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे।"

एडवोकेट दिनेश-जोटवानी ने नीट परीक्षा विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई पर कहा, 'हमने एनवी सर के संस्थान की ओर से अदालत में अपना पक्ष रखा। उनके साथ इस याचिका में 20 हजार से भी ज्यादा बच्चे हैं। हमने कोर्ट के समक्ष कई मुद्दे उठाए हैं जैसे वो विवादित प्रश्न के मार्क्स (संख्या 28) जिसके दो उत्तर थे। कोर्ट ने मामले को सुना और एनटीए को कहा कि इस मुद्दे पर उसे कोर्ट का सहयोग करना चाहिए। इस परीक्षा से भविष्य के डॉक्टर निकलेंगे। पूरे देश का स्वास्थ्य इस पर है।'

इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को बताया था कि नीट में कुछ स्थानों से विसंगतियां सामने आई हैं। गड़बड़ी में जो भी दोषी पाए जाएंगे, फिर चाहे वह एनटीए भी हो, उसको भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार विसंगतियों के सुधार का कार्य कर रही है। नीट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा शत-प्रतिशत पारदर्शी हो, सरकार उसके लिए प्रतिबद्ध है।

8 जुलाई को अहम सुनवाई
नीट-यूजी 2024 में गड़बड़ी के आरोपों की सीबीआई से जांच के अनुरोध वाली याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित नीट यूजी परीक्षा में हुई कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र, एनटीए और अन्य को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है। इससे अलावा सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नीट-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को शीर्ष अदालत में ट्रांसफर करने के अनुरोध वाली एनटीए की याचिका पर निजी पक्षों को नोटिस जारी किया। इस मामले पर भी 8 जुलाई को इस पर सुनवाई होगी।

परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसले के अधीन होंगे मेडिकल एडमिशन
एनटीए द्वारा ग्रेस मार्क्स रद्द किए जाने से ग्रेस मार्क्स से जुड़ी आपत्तियों का निपटारा हो गया। लेकिन बहुत से अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट और कई उच्च न्यायालयों में परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाएं दायर कर रखी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि सफल उम्मीदवारों का प्रवेश उन याचिकाओं पर आने वाले अंतिम फैसले के अधीन होगा, जिनमें परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है। परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी।

साख का सवाल
नीट को लेकर लगे आरोपों को देखते हुए परीक्षा कराने वाली संस्था एनटीए की साख को बचाना और नीट सहित अन्य परीक्षाओं की शुचिता को लेकर उपजे संदेह को दूर करना शिक्षा मंत्री के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा नई शिक्षा नीति के तहत सुधारों को जारी रखने की प्रतिबद्धता भी दिखानी होगी। कांग्रेस ने जिस तरह से नीट परीक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं, उससे संसद सत्र के दौरान भी इस मुद्दे के गरमाने की पूरी उम्मीद है।

शीर्ष अदालत ने पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

नीट यूजी 2024 के परीक्षा परिणामों को लेकर जारी सियासत के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था की किसी भी बच्चे के करियर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, सरकार उसे पूरा करेगी।

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