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NTA ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि स्टूडेंट्स को ग्रेस अंक देने से नतीजों में फर्क नहीं पड़ा, आरोपों को भी खारिज कर दिया

नई दिल्ली
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के रिजल्ट में कथित गड़बड़ी के बाद मचे हंगामे और सीबीआई जांच की मांग के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि स्टूडेंट्स को ग्रेस अंक देने से नतीजों में फर्क नहीं पड़ा है। एनटीए ने पेपर लीक होने के आरोपों को भी खारिज कर दिया। एनटीए डीजी सुबोध कुमार सिंह ने कहा,  'यह मसला सिर्फ 1600 स्टूडेंट्स का मसला है। पेपर 23 लाख से ज्यादा बच्चों ने दिया था। 4750 सेंटर की बजाय सिर्फ 6 सेंटर का मामला है। स्टूडेंट्स की ग्रेस मार्क्स व टॉइम लॉस से जुड़ी आपत्तियों पर विचार करने के लिए एक कमिटी बनाई गई है, इस कमिटी की जो सिफारिशें आएंगी, हम फैसला लेंगे। एक सप्ताह में इसकी सिफारिशें आ जाएंगी। कमिटी में यूपीएससी के पूर्व सदस्य व कई वरिष्ठ शिक्षाविदों को शामिल किया गया है।'

पेपर लीक के आरोपों पर अधिकारियों ने कहा, सोशल मीडिया पर जो पेपर आया, वह पेपर शुरू होने के बाद आया था। हम अपने प्रोटोकॉल व स्टैंडर्ड को और मजबूत बनाएंगे ताकि फिर से इस तरह की गलती फिर से नहीं हो।'

सुबोध कुमार सिंह ने कहा, "टॉइम लॉस होने के मामले पर हमारी समिति ने बैठक की था और उन्होंने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी विवरणों का अध्ययन किया था। उन्हें पता चला कि कुछ केंद्रों पर समय की बर्बादी हुई और छात्रों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए। समिति ने सोचा कि वे शिकायतों को दूर कर सकते हैं और छात्रों को मुआवजा दे सकते हैं। इसलिए कुछ छात्रों के अंक ग्रेस मार्क्स देकर बढ़ा दिए गए। इसके कारण, कुछ छात्रों की चिंताएं सामने आईं क्योंकि कुछ उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक मिले और 6 उम्मीदवार टॉपर बन गए। हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया है और परिणाम जारी किए। 4750 केंद्रों में से, यह समस्या 6 केंद्रों तक सीमित थी। और 23 लाख छात्रों में से केवल 1600 छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ा। छह केंद्रों पर प्रश्नपत्रों के गलत वितरण के कारण ऐसा हुआ। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि उन्हें कम समय मिला। हमने उच्च न्यायालय में जवाब दिया है कि हमने विशेषज्ञों की एक शिकायत निवारण समिति बनाई है। यह समिति परीक्षा केंद्र से रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज सहित समय की बर्बादी के डिटेल्स पर गौर करेगी। पूरे देश में इस परीक्षा की पारदर्शिता से समझौता नहीं किया गया। कोई पेपर लीक नहीं हुआ। पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही।"

गौरतलब है कि नीट में 67 छात्रों के 720 में से 720 अंक पाने और कटऑफ के अचानक आसमान छूने के बाद हजारों छात्र, पेरेंट्स और कोचिंग संचालक पेपर लीक का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने भी नीट मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग कर डाली है। पिछले दिनों दी गई एनटीए की सफाई उन्हें तार्किक नहीं लग रही है। बहुत से नीट अभ्यर्थियों का आरोप है कि नीट का पेपर लीक होने की वजह से रैंक और नंबर को बुरी तरह प्रभावित किया है। पेपर लीक होने की वजह से रैंक में इनफ्लेशन हुआ है। सोशल मीडिया पर अभ्यर्थी नीट स्कैम, नीट परीक्षा रद्द करो और नीट रिजल्ट फिर से जारी करो हैश टैग से लगातार अभियान चला रहे हैं। एनटीए का कहना है कि एनसीईआरटी टेक्स्ट बुक और ग्रेस मार्क्स देने की वजह से टॉपरों की संख्या बढ़ गई है।

क्यों हो रहा हंगामा, छात्र लगातार पूछे रहे ये सवाल
1. एक ही एग्जाम सेंटर से छह टॉपर कैसे हो सकते हैं ?
बहुत से स्टूडेंट्स का कहना है कि एनटीए ने नीट टॉपरों की जो मेरिट लिस्ट जारी की है उसमें 8 स्टूडेंट्स के रोल नंबर एक ही सीरीज के हैं। सीरियर नंबर 62 से लेकर 69 के तक के 8 स्टूडेंट्स में से 6 स्टूडेंट्स रैंक 1 पाने वाले टॉपर हैं। आठ में से छह हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित एक ही एग्जाम सेंटर के हैं। सोशल मीडिया पर अभ्यर्थी व एग्जाम एक्सपर्ट्स ने इसे लेकर नीट की पारदर्शिता पर संदेह जताया है। 8 में से 7 स्टूडेंट्स का सरनेम लिस्ट में क्यों नहीं लिखा है? इन स्टूडेंट्स का नीट रोल नंबर, नाम, मार्क्स और रैंक को हाईलाइट करने वाला स्नैपशॉट सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हो रहा है। इन 8 में से 6 स्टूडेंट्स को 720 में से 720 अंक मिले हैं। अन्य दो को 719, 718 हैं। एनटीए ने इस पर सफाई में कुछ दिन पहले कहा कि हरियाणा के एग्जाम सेंटर पर स्टूडेंट्स का समय बर्बाद हुआ था, इसके चलते उन्हें मुआवजे के तौर पर ग्रेस मार्क्स दिए गए।

2. छात्र, पेरेंट्स व कोचिंग संचालकों ने पूछा है कि एनटीए बताए कितने स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स मिले हैं? किसे कितने कितने मार्क्स दिए गए हैं? बिना ग्रेस मार्क्स के भी नीट की ऑरिजनल मेरिट लिस्ट जारी होनी चाहिए।

3. ग्रेस मार्क्स को लेकर एनटीए ने नोटिफिकेशन में कोई जानकारी नहीं दी थी। फिर अचानक रिजल्ट में इस पॉलिसी को क्यों किस आधार पर लागू किया गया?

4. किन सेंटरों पर टाइम लॉस हुआ है और किस आधार पर इन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं।

5. एनटीए नॉर्मलाइजेशन पर स्पष्टीकरण दे। इसका क्या फॉर्मूला रहा। किस आधार पर यह दिया गया।

6. कितने सेंटरों के स्टूडेंट्स पर नॉर्मलाइजेशन लागू किया गया।

7. 718 और 719 मार्क्स कैसे आए, जबकि यह असंभव है। इन स्टूडेंट्स ने तर्क दिया कि नीट का पेपर 720 नंबर का होता है। हर सवाल चार नंबर का होता और गलत उत्तर पर एक अंक की नेगेटिव मार्किंग होती है। कोई छात्र अगर सभी सवाल सही करता है तो उसके पूरे 720 में से 720 आते हैं और अगर एक सवाल छोड़ देता है तो उसके 716 अंक आएंगे। वहीं एक सवाल गलत करता है तो उसके 715 अंक रह जाएंगे। ऐसे में 718 व 719 अंक हासिल कर पाना असंभव हैं। 720 के बाद किसी के 715 और 716 अंक ही आ सकते हैं।
 

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