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भाजपा ने सत्तारूढ़ बीजद को बाहर का रास्ता दिखा दिया, भरोसेमंद चेहरे पर लगेगी मुहर या सरप्राइज देगी पार्टी

ओडिशा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ओडिशा में अगली सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए तैयार है। हाल ही सम्पन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर अटकलें तेज हैं। कई विश्लेषकों के अनुसार, 2004 से भाजपा सांसद (एमपी) और 2021 से मौजूदा वक्त में नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शिक्षा मंत्री और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने की स्थिति में सीएम पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं।

रेस में सबसे आगे धर्मेंद्र प्रधान
प्रधान का जन्म 26 जून 1969 को ओडिशा के तालचेर में हुआ था। उन्होंने संबलपुर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की है। उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन 1997 में शुरू किया जब वे ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए और 1997 से 2000 तक बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया। 2004 में वे भाजपा के टिकट पर पुरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए। वे 2009, 2014 और 2019 में फिर से लोकसभा के लिए चुने गए हैं। भाजपा सरकार में प्रधान कई मंत्री पदों पर रह चुके हैं। 2014 से 2019 तक वे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रहे। 2019 में उन्हें इस्पात मंत्री बनाया गया। 2021 में उन्हें शिक्षा मंत्री और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री बनाया गया।

क्यों अहम दावेदार हैं प्रधान
2019 की तरह उन्होंने इस बार भी भाजपा की चुनावी रणनीति के प्रबंधन में मुख्य भूमिका निभाई। प्रधान के अहम कार्यों में घोषणापत्र तैयार करने के अलावा चुनाव से पहले के रोजमर्रा के कामों की देखरेख करना भी शामिल है। प्रधान को नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार की कड़ी और लगातार आलोचना करने और उड़िया अस्मिता की मजबूत वकालत करने के लिए जाना जाता है। ओडिशा में भाजपा के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक प्रधान के पास मुख्यमंत्री बनने की गंभीर संभावना है।

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