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ARO टेबल पर मतगणना एजेंट नहीं रहने के कांग्रेस के आरोप को चुनाव आयोग ने बताया मनगढंत

नई दिल्ली.

एक जून यानी शनिवार को सातवें चरण के मतदान के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 की मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई। उसके बाद शाम को अलग-अलग मीडिया चैनलों और सर्वे एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किए गए। तीन सर्वे में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 400 या उससे ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया। लोकसभा चुनाव के चार जून को नतीजे सामने आएंगे।

इस बीच, कांग्रेस नेता अजय माकन ने मतगणना प्रक्रिया को लेकर बनाए एक नए नियम पर विरोध जताया। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहली बार सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) की मेज पर चार जून को मतगणना प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को अनुमति नहीं दी जाएगी।

पहली बार ऐसा हो रहा
कांग्रेस नेता ने ईवीएम में कथित धांधली से भी बड़ा मुद्दा बताते हुए भारत के चुनाव आयोग से इसके समाधान का आग्रह किया। माकन ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) की मेज पर उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को मौजूद रहने की पहली बार अनुमति नहीं दी जा रही है। मैंने पहले भी नौ लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े हैं और ये पहली बार हो रहा है। अगर यह सच है तो यह ईवीएम में कथित धांधली से भी बड़ी बात है। मैं इस मुद्दे को सभी उम्मीदवारों के लिए सामने रख रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग के अधिकारी जल्द ही इसमें सुधार कर लेंगे।'

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दी सफाई
हालांकि, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि मतगणना प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को आरओ और एआरओ की टेबल पर रहने की अनुमति होगी। दिल्ली कार्यालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को आरओ/एआरओ की टेबल पर अनुमति दी जाती है।'

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