खेल संसार

क्लास‍िकल चेस में प्रज्ञानानंद ने नंबर 1 ख‍िलाड़ी को किया परास्त

नईदिल्ली

भारत के रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने क्लासिकल चेस में पहली बार मैग्नस कार्लसन  को पटखनी दी है. भारत के इस युवा ख‍िलाड़ी ने नॉर्वे चेस 2024 (Norway Chess 2024) के तीसरे दौर में सफेद मोहरों से दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी को हराया.

इस जीत के साथ 18 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने कार्लसन के घरेलू मैदान पर आयोजित इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में लीडर्स पोजीशन हास‍िल की है.

18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने बुधवार (29 मई) को स्टावेंजर में नॉर्वे चेस 2024 टूर्नामेंट के तीसरे दौर में दुनिया के नंबर 1 मैग्नस कार्लसन पर अपनी पहली जीत दर्ज की.

नॉर्वे चेस टूर्नामेंट के तीसरे राउंड के अंत में आर प्रज्ञानानंद ने 9 में से 5.5 अंक हासिल किए. दूसरी ओर अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियो कारुआना ने बुधवार को जीएम डिंग लिरेन पर जीत के बाद तीन अंक हासिल करके दूसरा स्थान हासिल किया.

यह प्रज्ञानानंद के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, वह पिछले साल वर्ल्ड कप में मैग्नस कार्लसन से हार गए थे. संयोग से प्रज्ञानानंद कार्लसन को क्लास‍िकल चेस में हराने वाले केवल चौथे भारतीय हैं.

प्रज्ञानानंद की बहन का भी जलवा

वहीं रमेशबाबू प्रज्ञानानंद की बहन आर वैशाली ने नॉर्वे चेस के महिला वर्ग में अपना एकमात्र शीर्ष स्थान बरकरार रखा है. वैशाली ने इवेंट में पोल पोजीशन हास‍िल कर ली है.

क्रिकेट भी खेला करते हैं प्रज्ञानानंद

प्रज्ञानानंद महज 10 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बन गए. ऐसा करने वाले वह उस समय सबसे कम उम्र के थे. वहीं 12 साल की उम्र में प्रज्ञानानंद ग्रैंडमास्टर बने. ऐसा करने वाले वह उस समय के दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे. दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने ही उनका मार्गदर्शन किया है. प्रज्ञानानंद को क्रिकेट पसंद है और उन्हें जब भी समय मिलता है तो वह मैच खेलने के लिए जाते हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button