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NATO के एक सदस्य देश ने चीन के साइबर अटैक से तंग होकर भारत से मदद की गुहार लगाई

नई दिल्ली
पूर्वी एशियाई देश फिलीपीन्स के बाद दक्षिण अफ्रीकी देशों और यूरोपीय देशों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और अन्य रक्षा उपकरणों की की बढ़ती मांगों के बीच अब भारत की साइबर सुरक्षा उपकरणों और तकनीक की भी मांग दुनियाभर के देशों में होने लगी है। अभी हाल ही में NATO के एक सदस्य देश ने चीन के साइबर अटैक से तंग होकर भारत से मदद की गुहार लगाई है ताकि भारतीय साइबर सुरक्षा तकनीक का इस्तेमाल कर वह चीन से दो-दो हाथ कर सके।

रिपोर्ट के मुताबिक, NATO के छोटे से बाल्टिक सदस्य, एस्टोनिया (Estonia) ने चीनी साइबर हमलों और हैकिंग की समस्या से निपटने के लिए भारत से साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए मदद की मांग की है। 10 लाख की आबादी वाले इस देश ने भारत के साथ साइबर सुरक्षा घनिष्ठ  संबंध बनाने की इच्छा जताई है। दोनों देशों ने इस पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब युद्धग्रस्त यूक्रेन समेत 40 देशों ने एस्टोनिया की राजधानी टालिन में कुछ दिनों पहले साइबर सुरक्षा पर महासम्मेलन किया और चीनी खुऱाफात से निपटने की तकनीक और रणनीति पर मंथन किया।

इसी बैठक में साइबर सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने का फैसला किया गया है। एस्टोनिया ने चीनी साइबर हमलों से तंग आकर ना सिर्फ  चीनी हैकरों के खिलाफ़ कड़ा रुख अपनाया है बल्कि अब इस जंग में भारत से भी मदद पाने के लिए हाथ बढ़ाया है। एस्टोनिया के रक्षा मंत्री हनो पेवकुर ने चीनी सरकार पर साइबर हमले करने के लिए पेशेवरों को काम पर रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "इस बुराई से लड़ने के लिए तैयार हर देश का हम स्वागत करते है।" उन्होंने कहा कि साइबर हमलों और खतरों से निपटने के लिए भारत और एस्टोनिया ने हाथ मिलाए हैं और  हम भारतीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे से देश ने 2022 में साइबर अटैक के 27115 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से 2672 हाई इम्पैक्ट वाले थे। इसी गंभीरता ने एस्टोनिया को भारत की तरफ मुड़ने को मजबूर किया है। एस्टोनिया के आर्थिक मामलों और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री टिट रीसालो ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमता को स्वीकार करते हुए कहा कि भारत आईटी महाशक्ति है, जबकि एस्टोनिया साइबर हमलों से त्रस्त देश है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को चीनी साइबर अटैक और हैकरों के इरादों के बारे में एस्टोनिया की तुलना में अधिक जानकारी है। उन्होंने कहा कि भारत से साइबर सुरक्षा में घनिष्ठ सहयोग के माध्यम से एस्टोनिया चीनी हैकरों को मुंहतोड़ जवाब दे सकेगा।

 

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