मध्‍यप्रदेश

कोर्ट ने दिए आदेश- वन्य प्राणी तेंदुआ के चार शिकारियों को पांच-पांच वर्ष का कठोर कारावास

मंडला
वन्य प्राणी तेन्दुआ के चार शिकारियों को 05-05 वर्ष का कठोर कारावास एवं अर्थदंड की सजा न्यायालय ने सुनाई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति डोंगरे शर्मा की न्यायालय द्वारा  आरोपितगण सुखलाल पिता मंगलू उइके (38),चैतलाल पिता फागू धुर्वे उम्र (66),जेटू पिता समारू परते (58), चरन पिता पदम उइके(24) सभी निवासी कपोटबहरा खटिया जिला मंडला को धारा 51(1) वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में 05-05 वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल एक लाख रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

उपवनमंडल अधिकारी महाराजपुर द्वारा परिवाद प्रस्तुत किया गया था। जिसमें बताया गया कि 26 जुलाई 2023 को सुबह 7.10 बजे वनगस्ती दल के द्वारा वनक्षेत्र आरएफ-787 के अंदर कुछ दूरी पर एक गाय भागते हुए नजर आई। गस्ती दल द्वारा घटना की आशंका पर उक्त स्थल पर जाकर देखा गया तो झाड़ियों के बीच एक तेंदुआ मृत अवस्था में पड़ा मिला। गस्ती दल प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद सोनी, वनरक्षक बीट प्रभारी सूरपाटी द्वारा तत्काल दूरभाष से परिक्षेत्र सहायक राता एवं परिक्षेत्र अधिकारी बम्हनी को घटना की सूचना दी। वनरक्षक द्वारा बताए घटनास्थल पर पहुंचकर सूक्ष्मतापूर्वक मृत वन्यप्राणी नर तेंदुआ के शरीर के सभी बाह्य अंग सुरक्षित पाए गए। पीएम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण करेंट लगना बताया गया। 27 जुलाई को मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर अभियुक्त चैतलाल पिता फागू धुर्वे निवासी कपोटबहरा को बम्हनी परिक्षेत्र कार्यालय बुलाया गया एवं पूछताछ की गई।

पूछताछ के दौरान चैतलाल द्वारा अपने तीन साथी सुखलाल पिता मंगलू उइके, जेठू पिता समारू परते, चरण पिता पदम उइके के साथ 24 जुलाई की रात्रि 7 से 8 बजे भगत के खेत स्थित खंबे से सेंट्रिग तार बांस की खूंटियों के सहारे करेंट फैलाया। जिसमें नर तेंदुआ 24 एवं 25 जुलाई की दरमियानी रात से 2 से 3 बजे फंसकर मरा बताया गया। तब परिक्षेत्र अधिकारी आशुतोष चन्द्रवंशी बम्हनी द्वारा उपवन मंडलाधिकारी महाराजपुर से चैतलाल, सुखलाल एवं जेठू के घरों की तलाशी हेतु तलाशी पत्र जारी कराया एवं परिक्षेत्र सहायक राता दिनेश मरावी को तलाशी कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया। संपूर्ण जांच उपरांत परिवाद पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से प्रस्तुत परिस्थितिजन्य साक्ष्य एवं तर्क से सहमत होते हुए विचारण उपरांत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा वन्यप्राणियों से संबंधित अपराधों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए न्यायालय द्वारा आरोपीगणों को कठोर दण्ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से प्रकरण में अभियोजन संचालन सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रमेशचन्द्र मिश्रा के द्वारा की गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button