तीर्थयात्रियों के लिए DDRF and SDRF सुगम और सुरक्षित यात्रा को लेकर देवदूत बनकर आगे आ रहे
रुद्रप्रयाग
उत्तराखंड के केदारनाथ यात्रा मार्ग पर तैनात डीडीआरएफ, एसडीआरएफ जवान और सेक्टर अधिकारियों की टीमें तीर्थयात्रियों के लिए सुगम और सुरक्षित यात्रा को लेकर देवदूत बनकर आगे आ रहे हैं। तीर्थयात्रियों की मदद में जवान रात-दिन जुटे हुए हैं और तत्परता से रेस्क्यू कर राहत पहुंचाने में मुस्तैद हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे तीर्थयात्रियों को गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग में दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में पुलिस, डीडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान तीर्थयात्रियों की सेवा में लगे हैं। दरअसल, केदारनाथ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हर दिन बढ़ोत्तरी हो रही है।
केदारनाथ धाम दर्शन करने पहुंच रहे किसी भी तीर्थयात्री का स्वास्थ्य खराब और घायल होने या फिर किसी अन्य संकट की स्थिति में केदारनाथ यात्रा मार्ग में तैनात डीडीआरएफ और एसडीआरएफ एवं सेक्टर अधिकारी की टीमें देवदूत बनी हुई हैं। बीमार और घायल व्यक्तियों को तत्काल एमआरपी में उपचार के लिए पहुंचाया ही नहीं जा रहा है बल्कि उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर उन्हें बचाने काम कर रहे हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सेक्टर अधिकारी भीमबली ने उन्हें अवगत कराया कि छोटी लिनचोली में एक यात्री का स्वास्थ्य बहुत खराब हो गया और चलने में असमर्थ है। यह सूचना मिलते ही यात्रा पड़ाव भीमबली में तैनात डीडीआरएफ की टीम त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंची और घायल यात्री को एमआरपी छोटी लिनचोली से एमआरपी भीमबली लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद यात्री को गौरीकुंड के लिए रेफर किया गया। डीडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें उसे गौरीकुंड लेकर गयीं। चिकित्सकों की ओर से बताया गया कि उक्त यात्री की स्थिति अब सामान्य है।
भैंरों मंदिर के पास एक और यात्री की तबीयत अचानक खराब होने पर डीडीआरएफ की टीम ने उसे जंगलचट्टी से रेस्क्यू कर गौरीकुंड अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड गेट के ऊपर किसी यात्री से सूचना प्राप्त हुई कि एक महिला तीर्थयात्री केदारनाथ के दर्शन करने घोड़े से जा रही थी। वह महिला यात्री घोडे़ से गिरने के कारण घायल हो गई है। सूचना पर डीडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर उक्त महिला (शकुतंला देवी उम्र 65 वर्ष निवासी इंदौर, मध्य प्रदेश) को स्ट्रेचर के माध्यम से गौरीकुंड लेकर पहुंची। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला को सोनप्रयाग चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया।
उन्होंने बताया कि थारू कैंप के पास घोड़े की टक्कर से एक अन्य यात्री के घायल होने पर उसे छोटी लिनचोली आरएमपी ले जाया गया, जहां उसे त्वरित उपचार दिलाया गया। अब व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक है। यात्रा मार्ग में तैनात सभी सुरक्षा बल की टीमें अपने दायित्वों का बड़ी कुशलता से निर्वहन कर रही हैं। ये टीमें बीमार और घायल यात्रियों की सूचना प्राप्त होते ही उसे तत्काल नजदीकी एमआरपी में पहुंचाकर उपचार दिला रही हैं।