अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को कोर्टाना पेटेंट पर चुकाने होंगे 24 करोड़ डॉलर
वाशिंगटन.
अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को कोर्टाना पेटेंट मामले में बड़ा झटका लगा है। डेलावेयर के संघीय कोर्ट की ज्यूरी ने वर्चुअल असिस्टेंट कोर्टाना के इस्तेमाल पर माइक्रोसॉफ्ट को पेटेंट मालिक आईपीए टेक्नोलॉजी को 24 करोड़ डॉलर चुकाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने माना कि माइक्रोसॉफ्ट ने आईपीए की तकनीक चुराकर उसके पेटेंट अधिकार का उल्लंघन किया है। कोर्टाना एक वर्चुअल वॉइस असिस्टेंट है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने 2014 में पेश किया था।
हालांकि, आवाज को पहचानने की जिस तकनीक पर कोर्टाना चलता है, उसे लेकर आईपीए का दावा है कि इसका पेटेंट उसके पास है, जो उसने 2010 में सिरी इंक से खरीदा है। सिरी को बाद में एपल ने खरीद लिया था और इसी नाम से अपना आवाज आधारित वर्चुअल असिस्टेंट सिरी पेश किया था। माइक्रोसॉफ्ट के एक प्रवक्ता ने इस मामले पर कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने आईपीए का कोई पेटेंट का उल्लंघन नहीं किया है। इस फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी। आईपीए ने 2018 में माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। माइक्रोसॉफ्ट पर व्यक्तिगत डिजिटल सहायकों और आवाज-आधारित डाटा नेविगेशन से संबंधित पेटेंट के उल्लंघन का आरोप लगाया था। हालांकि, बाद में एक विशिष्ट आईपीए पेटेंट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मामले को कम कर दिया गया।
जिस पेटेंट की बात हो रही वह अमान्य था
हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट की दलील थी कि उसने पेटेंट का उल्लंघन नहीं किया है, बल्कि जिस पेटेंट की बात की जा रही है वह अमान्य था। आईपीए ने इसी तरह के मामले में गूगल और अमेजन पर भी मुकदमा किया था, जिसमें से गूगल के खिलाफ मुकदमा अभी जारी है, जबकि अमेजन के खिलाफ हार हुई है। बता दें, ऐसे मामलों में कई कंपनियों को अमेरिका व अन्य देशों में अदालती कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।