राजनीतिक

रेवंत रेड्डी ने अब एयर स्ट्राइक पर उठाए सवाल बोले किसी को नहीं है भरोसा

हैदराबाद
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के द्वारा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए हवाई हमले की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता कि हवाई हमला हुआ था या नहीं। रेड्डी ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि अगर देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी हमारी (कांग्रेस की) होती तो हम इसे किसी के हाथ में नहीं छोड़ते।

आपको बता दें कि रेवंत रेड्डी सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाले पहले कांग्रेसी नहीं हैं। इससे पहले भी देश की सबसे पुरानी पार्टी के कई नेता सेना की ऐसी कार्रवाई पर सवाल उठा चुके हैं।

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर पुलवामा हमले और भारतीय वायुसेना के जवाबी हमलों से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मैं उनसे (पीएम) पूछना चाहता हूं कि आप क्या कर रहे थे? आपने पुलवामा हमला क्यों होने दिया? आपने देश की आंतरिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्या किया? आपने अपने पास मौजूद एजेंसियों जैसे आईबी और रॉ की मदद क्यों नहीं ली? यह आपकी विफलता थी।''

हिमंत सरमा का पलटवार
पुलवामा हमले को लेकर तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी के बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, "सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन आज PoK में भारत के झंडे लहरा रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाना छोड़ दें, थोड़े ही साल में PoK भी हमारे देश में आ जाएगा।"

इसके बाद तेलंगाना के सीएम ने लोगों से मौजूदा लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को बाहर करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “मोदी के लिए सब कुछ चुनाव जीतना है। उनका सोचने का तरीका देश के लिए अच्छा नहीं है। अब समय आ गया है कि देश को मोदी और भाजपा से छुटकारा मिले। वे पुलवामा हमले को रोकने में विफल रहे। इंटेलिजेंस ब्यूरो क्या कर रहा था?”

पुलवामा हमला 14 फरवरी, 2019 को हुआ था।  जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने आईईडी से भरे वाहन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दिया था। इसके जवाब में 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के ठिकाने को निशाना बनाया, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए और उनके बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया गया।

 

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