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आगरा जामा मस्जिद प्रकरण में सुनवाई टली, अब 21 सितंबर को होगी

आगरा

कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर बनाम आगरा जामा मस्जिद प्रकरण में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। इंतजामिया कमेटी की ओर से अधिवक्ता न्यायालय में प्रस्तुत हुए। वहीं दूसरे पक्ष से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विनोद शुक्ला ने एएसआई से सर्वे कराए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। अब इस मामले में सुनवाई 21 सितंबर को होगी। देवकीनंदन ठाकुर बनाम जामा मस्जिद मामले में शुक्रवार को प्रथम विपक्षी इंतजामियां कमेटी की ओर से अधिवक्ता शफीक कुरैशी, इजहार अहमद, मोहम्मद शाहिद, इफ्तिखार अहमद सहित कई अधिवक्ताओं ने अपना वकालतनामा प्रस्तुत कर वाद पत्र की प्रति मांगी।

उन्होंने कहा कि इंतजामिया कमेटी की ओर से जवाब प्रस्तुत करने के लिए उन्हें दावे की कॉपी दिलवाई जाए। वहीं देवकीनंदन ठाकुर की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद शुक्ला ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में अलग-अलग दो प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि पुरातत्व विभाग को भी इस मामले में पक्षकार बनाया जाए। साथ ही जिन पक्षकारों की ओर से अधिवक्ता हाजिर नहीं हो रहे हैं अथवा कोई जवाब अब तक दाखिल नहीं किया गया है, उनके विरुद्ध एक पक्षीय सुनवाई के आदेश किए जाएं। इस संबंध में कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तिथि नियत कर दी है।

गौरतलब हो कि आगरा की जामा मस्जिद को लेकर एक और वाद दायर करके मस्जिद की सीढ़ियां खुदवाने की मांग की गई थी। मथुरा कोर्ट से मामला अब हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे श्रीकृष्ण के विग्रह दबे होने के मामले में न्यायालय में एक और याचिका दायर कर ली है। मनोज कुमार पांडे ने 11 मई को यह वाद दाखिल किया।

पांडे के मुताबिक, मुस्लिम नमाज के लिए मस्जिद में घुसते समय हर दिन हमारे भगवान की मूर्तियों को अपने पैरों तले रौंदते हैं, यह हिंदू समाज का अपमान है। ऐसे में अब उन्होंने सिविल कोर्ट में वाद दायर कर जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे कथित रूप से दबी भगवान केशवदेव की मूर्तियों को निकालने का आदेश देने की मांग की है।

 

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