पूर्व मंत्री बबनराव घोलप ने थाम लिया शिंदे का दामन, टूटा 30 सालों का रिश्ता, मुश्किल में उद्धव की शिवसेना
नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव से पहले उद्धव गुट की शिवसेना (यूबीटी) को एक और झटका लगा है। 30 सालों तक उद्धव के साथ रहे पूर्व मंत्री बबनराव घोलप ने अब उनका साथ छोड़ने का फैसला कर लिया है। मिडिया रिपोर्ट की मानें तो घोलप शनिवार को एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होने वाले हैं। ऐसा बताया जा रहा था कि घोलप शिरडी से अपने लोकसभा टिकट के काटे जाने से नाराज हैं। हालांकि, उन्होंने पिछले फरवरी में उपनेता और प्राथमिक सदस्य के रूप में ठाकरे की शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था मगर अब उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है कि वह शिंदे की शिवसेना में शामिल होंगे।
उद्धव की शिवसेना का गिरा एक और विकेट
रिपोर्ट की मानें तो बबनराव घोलप शनिवार को मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आवास पर उनकी पार्टी में शामिल होंगे। जाहिर है लोकसभा चुनाव से पहले घोलप का शिंदे गुट में आना ठाकरे की शिवसेना के लिए बड़ा नुकसान है। ऐसा बताया जा रहा है पूर्व मंत्री बबनराव घोलप पिछले कुछ दिनों से नाखुश थे। घोलप शिरडी लोकसभा क्षेत्र से ठाकरे की शिवसेना की उम्मीदवारी की आशा में थे। मगर इसी बीच भाऊसाहेब वाकचौरे की एंट्री होती है और महाविकास अघाड़ी की ओर से उन्हें शिरडी सीट उम्मीदवार बनाया जाता है।
टिकट कटने से थे नाराज
उद्धव की तरफ से वाकचोरे को शिरडी लोकसभा के लिए शिवसेना (यूबीटी) का उम्मीदवार घोषित किया गया और बबनराव घोलप का पत्ता काट दिया गया। इसके बाद ऐसी चर्चा थी कि घोलप उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे और भविष्य की राजनीतिक दिशा तय करेंगे, लेकिन बबनराव घोलप ने सीधे तौर पर सांसद संजय राउत और मिलिंद नार्वेकर पर आरोप लगाया कि वे उद्धव ठाकरे से उनकी मुलाकात को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
कौन हैं बबनराव घोलप
बबनराव घोलप पिछले 30 सालों से शिवसेना में सक्रिय हैं। बालासाहेब के विचारों से प्रेरित घोलप खुद को एक सच्चा शिवसैनिक बताते हैं। घोलप की बड़ी ताकत नासिक में देखी जा सकती है। बबनराव घोलप ने नासिक के देवलाली विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांच बार जीत हासिल कर शिवसेना का गढ़ बरकरार रखा है। उसके बाद बबनराव घोलप के उत्तराधिकारी योगेश घोलप भी देवलाली निर्वाचन क्षेत्र से चुने गये हैं। इसलिए बबनराव घोलप को नासिक में शिवसेना की बड़ी ताकत माना जा रहा था।