राष्‍ट्रीय

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठाा को लेकर प्रभु श्री राम के भक्तों का जोश हाई, फ्लाइट में जब झूमने लगे लोग

नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठाा को लेकर प्रभु श्री राम के भक्तों का जोश हाई है। अयोध्या में इस दिन के लिए खास तैयारी की गई है। इसके अलावा इसे लेकर पूरे देश में भी अलग-अलग स्थानों पर रामभक्तों ने इस दिन उत्साह मनाने की तैयारी की है। इस बीच दिल्ली से अयोध्या जा रही एक फ्लाइट में यात्री श्रीराम का भजन गाते नजर आए। फ्लाइट में राम भजन पर झूम रहे लोगों का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में नजर आ रहा है कि फ्लाइट के अंदर लोग राम सिया राम धुन गा रहे हैं और झूम रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि भगवा वस्त्र पहने एक शख्स पूरी भक्ति के साथ राम भजन विमान के अंदर गाते चल रहे हैं। उनके साथ-साथ विमान में बैठे लोग भी ताली बजाकर भगवान राम के इस धुन पर झूम रहे हैं। विमान में बैठे कुछ यात्री इस दौरान वीडियो बनाते हुए भी नजर आए।

अयोध्या में कैसी तैयारी
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में तैयारी है। पूरे देश राममय है। इस बेहद ही खास पल के लिए अयोध्या में अहम तैयारियां हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर साढ़े बारह बजे शुरू होगा। कार्यक्रम के बाद इसके बाद प्रधानमंत्री आयोजन स्थल पर संतों और प्रतिष्ठित शख्सियतों समेत 7,000 से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करेंगे। इस समारोह के अगले दिन ही यह मंदिर जनता के लिए खोल दिया जाएगा। लाखों लोगों के इस कार्यक्रम को टेलीविजन और ऑनलाइन मंचों पर सीधा प्रसारण देखने की उम्मीद है। इसे देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों और ओडिशा ने एक दिन के अवकाश की घोषणा की है जबकि केंद्र सरकार ने आधे दिन की छुट्टी का एलान किया है। भारत के विभिन्न हिस्सों से 14 दंपती 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए ''यजमान'' होंगे।

कैसी है रामलला की मूर्ति
मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की नयी 51 इंच की मूर्ति को बृहस्पतिवार दोपहर को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया। एक कपड़े से ढकी आंखों के साथ नयी मूर्ति की पहली तस्वीर शुक्रवार को जारी की गई थी। मंदिर में प्रवेश पूर्वी दिशा से होगा और निकासी दक्षिण दिशा से होगी। मंदिर की पूरी संरचना तीन मंजिला होगी। श्रद्धालुओं को मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़नी होगी।

पारंपरिक नागर शैली में बना मंदिर परिसर 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा होगा। मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची होगी और उसमें कुल 392 स्तंभ और 44 द्वार होंगे। सरकार इस विशेष दिन के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है और शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

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