इंदौर अभिभाषक संघ चुनाव में एक माह बाद है मतदान, अब तक माहौल नहीं बना, मुद्दे भी नहीं
इंदौर.
इंदौर अभिभाषक संघ के वार्षिक चुनाव अब सिर्फ एक माह दूर हैं लेकिन अब तक न्यायालय में चुनाव का माहौल नहीं बन सका है। संभावित प्रत्याशी भी इंटरनेट मीडिया के अलावा प्रत्यक्ष प्रचार से परहेज कर रहे हैं। दरअसल चुनाव में अब तक कोई ठोस मुद्दा सामने आया ही नहीं है, यही वजह है कि कोई भी कुछ कहने से बच रहा है। संभावित प्रत्याशियों को समझ नहीं आ रहा कि वे किन मुद्दों को सामने रखकर मतदाता से मत देने की गुहार लगाएं। इधर चुनाव से ठीक पहले परंपरागत पार्किंग का मुद्दा हल हो ही चुका है।
इंदौर अभिभाषक संघ के चुनाव 16 फरवरी को होना हैं। राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा गठित विशेष समिति ने पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज द्विवेदी को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। वे चुनाव की तिथि तो घोषित कर चुके हैं लेकिन अब तक चुनाव का विस्तृत चुनाव कार्यक्रम नहीं आया है। उम्मींद जताई जा रही है कि जनवरी के दूसरे पखवाड़े में इसे घोषित कर दिया जाएगा। इंदौर अभिभाषक संघ के चुनाव में इस बार 4200 के लगभग मतदाता रहने की संभावना है। विशेष समिति मतदाताओं की सूची राज्य अधिवक्ता परिषद को भेज भी चुकी है।
संघ से नो ड्यूज लेना होगा जरूरी
संघ के चुनाव में इस बार सिर्फ वे ही मतदाता मतदान में हिस्सा ले सकेंगे जिनके पास संघ का नो ड्यूज है। इसका अर्थ यह हुआ कि जिन सदस्यों पर संघ का कुछ भी बकाया होगा वे मतदान नहीं कर सकेंगे। संघ अपने सदस्यों से प्रतिमाह पांच रुपये यानी 60 रुपये वार्षिक शुल्क जमा कराता है। संघ अपने किसी सदस्य की मृत्यु होने पर उनके परिवार को 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी करता है। इसके लिए प्रत्येक सदस्य से 10 रुपये एकत्रित किए जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक कोरोना काल वर्ष 2021, 2022 और वर्ष 2023 में 50 से ज्यादा वकीलों की मृत्यु हो चुकी है। नो ड्यूज प्राप्त करने से पहले सदस्यों को इस रकम का भी भुगतान करना होगा।