राष्‍ट्रीय

17 साल की नाबालिग से 13 लोगों ने कई दिनों तक किया गैंगरेप, 200 रुपए देकर थाने के पास छोड़ा

विशाखापत्तनम
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली ओडिशा की 17 वर्षीय लड़की के साथ 13 लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया, जिनमें से 11 को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों को 12 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि बाकी दो आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है.

आंध्र प्रदेश पुलिस ने एक बयान में कहा कि “एक नाबालिग लड़की के साथ उसके प्रेमी और उसके दोस्त ने सामूहिक बलात्कार किया था और जब उसने आरके बीच में अपना जीवन खत्‍म करने की कोशिश की, तो कुछ फोटोग्राफरों उसके पास आए, जिन्‍होंने उसे ओडिशा में छोड़ने से पहले कई दिनों तक उसके साथ बलात्कार किया. जैसे ही घटना सामने आई, पुलिस विभाग ने दो को छोड़कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.”

इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, पुलिस के मुताबिक, लड़की नौ महीने पहले ओडिशा से विशाखापत्तनम आई थी. वह 17 दिसंबर को लापता हो गई और एक दिन बाद उसके पिता ने विशाखापत्तनम में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई.

23 दिसंबर को लड़की के पिता को उसके ठिकाने के बारे में ओडिशा पुलिस से फोन आया. पिता के साथ पुलिस टीम 25 दिसंबर को लड़की को वापस विशाखापत्तनम ले आई.

पुलिस ने बताया कि मानसिक आघात से जूझ रही लड़की ने 31 दिसंबर को अपने माता-पिता को घटना के बारे में बताया. पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया, जिससे पता चला कि 13 लोगों ने अलग-अलग तारीखों पर विभिन्न लॉज में उसके साथ बलात्कार किया था.

आंध्र पुलिस ने कहा, “जब पुलिस ने उसके माता-पिता से उसे पूछताछ के लिए अगले दिन लाने के लिए कहा, तो वे नहीं आए और पीड़िता ने उसके घर जाने के बाद भी घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन वह 31 दिसंबर को अपने माता-पिता के साथ स्टेशन आई और खुलासा किया कि वह अपने जन्मदिन पर अपने दोस्त इमरान (झारखंड से) और उसके दोस्त शोएब के साथ गई थी, जब उसे आरके बीच के पास एक लॉज में उनके साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया था. बाद में, दोनों ने सुबह लड़की को उसके कार्यस्थल पर छोड़ दिया.”

इसके बाद लड़की समुद्र तट पर गई जहां उसकी मुलाकात कुछ फोटोग्राफरों से हुई, जिनकी पहचान राजू, हरीश, नागेंद्र और गोपी के रूप में हुई, जिन्होंने उसे “नैतिक ताकत” देने का नाटक किया. पुलिस ने कहा, वे उसे एक लॉज में ले गए और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया.

पुलिस ने यह भी कहा कि छह और आरोपी – श्रीनु, अशोक, नरेश, थम्बे, ईश्वर और प्रवीण – 22 दिसंबर तक लड़की के साथ हुए कृत्‍य को करने में उनके साथ शामिल हुए.

23 दिसंबर को उसे एक आरोपी ने 200 रुपये लेकर ओडिशा के एक पुलिस स्टेशन के पास छोड़ दिया. अंततः उसे पुलिस कर्मियों द्वारा आश्रय प्रदान किया गया, जिन्होंने उसके माता-पिता को सूचना दी.

पुलिस ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की. एक ऑपरेशन शुरू करने के बाद, झारखंड और विशाखापत्तनम में विभिन्न स्थानों पर टीमें तैनात की गईं, पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया.

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