राष्‍ट्रीय

जलवायु परिवर्तन मानव जाति के लिए विश्व युद्धों से भी बड़ा खतरा: सोनम वांगचुक

कोकराझार (असम).
रमन मैगसायसाय पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक ने शनिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन मानव जाति के लिए विश्व युद्धों से भी बड़ा खतरा है। वांगचुक ने पर्यावरण की रक्षा में आदिवासी समुदायों की भूमिका को रेखांकित किया और आधुनिक शहरों के निवासियों से, प्रकृति के करीब रहने वाले लोगों से जीवन जीने का तरीका सीखने का आग्रह किया।

वांगचुक को यहां शैक्षणिक सुधारों, सतत परिवर्तन और पर्यावरण के संरक्षण में उनके योगदान के लिए 20वां उपेन्द्र नाथ ब्रह्मा 'सोल्जर ऑफ ह्यूमैनिटी' पुरस्कार 2023 प्रदान किया गया। यह पुरस्कार 'यूएन ब्रह्मा ट्रस्ट' द्वारा दिया जाता है। अपने नवाचारों के लिए मशहूर वांगचुक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास होने चाहिए क्योंकि जलवायु परिवर्तन विश्व युद्धों से भी अधिक खतरनाक साबित होगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'ग्लोबल वार्मिंग' की चुनौतियों का सामना करने और जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने में दुनिया भर में आदिवासी समुदायों को मजबूत रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ''आदिवासी समुदाय के लोगों का ज्ञान और उनकी समझ औद्योगीकरण और तथाकथित आधुनिक जीवन शैली की तुलना में लंबे वक्त के लिए अधिक लाभ प्रदान करने वाला है।''

वांगचुक ने आगाह किया कि ''पांच सितारा शहरों के रूप में दिल्ली या मुंबई या न्यूयॉर्क की संस्कृति'' धरती को नहीं बचाएगी। यह आदिवासी संस्कृति और परंपरा है जो प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करती है।'' उन्होंने कहा कि असम के बोडोलैंड क्षेत्र या लद्दाख के लोगों की पारंपरिक संस्कृति में देश की समृद्धि में योगदान देने की अधिक क्षमता है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button