मध्‍यप्रदेश

मध्यप्रदेश में कौन कब मुख्यमंत्री रहा और उनका कितना कार्यकाल रहा, जानें सब कुछ

भोपाल
मध्य प्रदेश में राज्य के गठन के बाद 1956 से लेकर अब तक 19 मुख्यमंत्रियों ने राज किया है। जिसमें शिवराज सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह, सुंदर लाल पटवा ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एमपी में सबसे लंबे समय तक राज किया है। वहीं शिवराज सिंह चौहान इन तीनों में सबसे लंबे समय तक शासन किया है।

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने वाले मोहन यादव की राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई थी और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी है।

मोहन यादव लंबे अरसे से राज्य की सियासत में सक्रिय है उनके राजनीतिक सफर पर गौर किया जाए तो वह 1982 में उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय के सह सचिव चुने गए थे और 1984 में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने थे।

मुख्यमंत्री का नाम कार्यकाल  
3
1 पं. रविशंकर शुक्ल 01/11/1956 से 31/12/1956 प्रथम (1956-1957)
4
2 श्री भगवंत राव मंडलोई 09/01/1957 से 30/01/1957
12/03/1962 से 29/09/1963
प्रथम (1956-1957)
तृतीय (1962-1967)
5
3 श्री कैलाश नाथ काटजू 31/01/1957 से 14/04/1957
15/04/1957 से 11/03/1962
प्रथम (1956-1957)
द्वितीय (1957-1962)
6
4 पंं. द्वारिका प्रसाद मिश्र 30/09/1963 से 08/03/1967
08/03/1967 से 29/07/1967
तृतीय (1962-1967)
चतुर्थ (1967-1972)
7
5 श्रीमती विजयराजे सिंधिया* 30/07/1967 से 25/03/1969 चतुर्थ (1967-1972)
8
6 श्री गोविन्‍द नारायण सिंह 30/07/1967 से 12/03/1969 चतुर्थ (1967-1972)
9
7 श्री राजा नरेशचंद्र सिंह 13/03/1969 से 25/03/1969 चतुर्थ (1967-1972)
10
8 श्री श्‍यामाचरण शुक्‍ल 26/03/1969 से 28/01/1972
23/12/1975 से 30/04/1977
चतुर्थ (1967-1972)
पंचम् (1972-1977)
11
9 श्री प्रकाश चन्‍द्र सेठी 29/01/1972 से 22/03/1972
23/03/1972 से 23/12/1975
चतुर्थ (1967-1972)
पंचम् (1972-1977)
12
10 श्री कैलाश जोशी 24/06/1977 से 17/01/1978 षष्‍टम् (1977-1980)
13
11 श्री वीरेन्‍द्र कुमार सखलेचा 18/01/1978 से 19/01/1980 षष्‍टम् (1977-1980)
14
12 श्री सुंदरलाल पटवा 20/01/1980 से 17/02/1980 षष्‍टम् (1977-1980)
15
13 श्री अर्जुन सिंह 09/06/1980 से 10/03/1985 सप्‍तम् (1980-1985)
16
14 श्री अर्जुन सिंह 11/03/1985 से 12/03/1985 अष्‍टम् (1985-1990)
17
15 श्री मोतीलाल वोरा 13/03/1985 से 13/02/1988 अष्‍टम् (1985-1990)
18
16 श्री अर्जुन सिंह 14/02/1988 से 23/01/1989 अष्‍टम् (1985-1990)
19
17 श्री मोतीलाल वोरा 25/01/1989 से 09/12/1989 अष्‍टम् (1985-1990)
20
18 श्री श्‍यामाचरण शुक्‍ल 09/12/1989 से 01/03/1990 अष्‍टम् (1985-1990)
21
19 श्री सुंदरलाल पटवा 05/03/1990 से 15/12/1992 नवम् (1990-1992)
22
20 श्री दिग्विजय सिंह 07/12/1993 से 01/12/1998 दशम् (1993-1998)
23
21 श्री दिग्विजय सिंह 01/12/1998 से 07/12/2003 एकादश (1998-2003)
24
22 सुश्री उमा भारती 08/12/2003 से 23/08/2004 द्वादश (2003-2008)
25
23 श्री बाबूलाल गौर 23/08/2004 से 29/11/2005 द्वादश (2003-2008)
26
24 श्री शिवराज सिंह चौहान 29/11/2005 से 11/12/2008 द्वादश (2003-2008)
27
25 श्री शिवराज सिंह चौहान 12/12/2008 से 09/12/2013
त्रयोदश (2008 से 2013)
28
26 श्री शिवराज सिंह चौहान (14/12/2013 से 12/12/2018)
चतुर्दश (2013 से 2018)
29
27 श्री कमलनाथ (17/12/2018 से 20/03/2020) पंचदश (2018 – 2020)
30
28 शिवराज सिंह चौहान 23/03/2020 से 12/11/2023 षष्‍टदश (2020-2023)
31
29 मोहन यादव 12/11/2023 से कार्यकाल शुरू

उसके बाद उन्होंने 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की उज्जैन के नगर मंत्री की कमान संभाली और 1986 में विभाग प्रमुख बने। इतना ही नहीं 1988 में अभाविप के प्रदेश मंत्री बने और राष्ट्रीय कार्यक्रम समिति सदस्य भी बने। वह 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के मंत्री बनाए गए और 1991-92 राष्ट्रीय मंत्री चुने गए।

यादव 1993 से 1995 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उज्जैन नगर के शहर खंड कार्यवाह रहे और 1996 में खंड कार्यवाह तथा नगर कार्यवाह की जिम्मेदारी का निर्वहन किया। वह 1997 में भाजपा की प्रदेश समिति में सदस्य बने, 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया।

वह 2004 से 2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे। इतना ही नहीं 2011 से 2013 तक मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रहे।

यादव 2013 में पहली बार विधायक बने। पार्टी ने 2018 में फिर उन पर भरोसा जताया और वह चुनाव जीते और 2023 में एक बार फिर निर्वाचित हुए और सीएम की कुर्सी तक पहुंच गये।

कभी पिता-चाचा के साथ भजिए बेचते थे मोहन यादव
डॉ. मोहन यादव लगातार तीसरी बार उज्जैन जिले की उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक बने हैं। पिछली सरकार में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री थे। 1965 में गीता कालोनी निवासी पूनमचंद यादव के घर जन्मे मोहन यादव का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा। पिता पूनमचंद मिल में नौकरी करते थे। कमाई ज्यादा नहीं होती थी। परिवार का गुजारा करने के लिए पूनमचंद अपने भाई शंकर लाल के साथ मालीपुर इलाके में चाय-पोहे भजिए की दुकान भी चलाते थे। मोहन यहां कभी-कभी पिता-चाचा की मदद करने आते थे। 1982 में जब मोहन यादव ने छात्रसंघ का पहला चुनाव जीता उस वक्त भी वह अपनी चाय-पोहे की दुकान पर काम करते थे। चाय-पोहे की दुकान ठीक चलने लगी तो उन्होंने उसे बढ़ाकर एक रेस्टोरेंट भी डाला था।

 

शिक्षक ने की पढ़ाई में मदद, उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष रहते किया एमए और पीएचडी
परिवार की मदद के साथ मोहन पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान रखते थे। परिवार की आर्थिक हालत और मोहन की प्रतिभा को देखते हुए सालिगराम नाम के शिक्षक ने उन्हें अपने साथ रख लिया। उसे पढ़ाया-लिखाया। पूरा खर्च भी उठाया। अभाव के बीच शिक्षक से मिली मदद के साथ मोहन यादव ने पीएचडी तक की शिक्षा ग्रहण की। मोहन यादव ने उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष रहते हुए पॉलिटिकल साइंस में एमए और इसके बाद पीएचडी भी की। 2010 में उन्हें पीएचडी की उपाधि मिली।  

छात्रसंघ के सह-सचिव से राज्य के मुख्यमंत्री पद तक ऐसी है राजनीतिक यात्रा
डॉ. मोहन यादव ने माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की। 1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 में विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। 1988 में यादव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं।

1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे हैं। संघ में सक्रियता की वजह से मोहन यादव 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई। 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बनाया गया। इसके बाद उन्होंने संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button