राजनीतिक

वामपंथी छात्रों को बताया गुंडा, शशि थरूर की टिप्पणी बढ़ा देगी INDIA गठबंधन में रार

केरल
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की कार का घेराव करने और उस पर हमला करने के मामले में शशि थरूर की टिप्पणी INDIA गठबंधन में तनाव बढ़ा सकती है। आरिफ मोहम्मद खान ने इस घटना को लेकर सीएम पिनराई विजयन पर हमला बोला था और कहा था कि मुझे मारने के लिए इन लोगों को भेजा गया था। अब शशि थरूर ने टिप्पणी करके गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान की बात का समर्थन किया है और कहा कि उनकी बात सही है और उनके डर को समझा जा सकता है। अब यह टिप्पणी INDIA गठबंधन के अहम घटक सीपीएम को चुभ सकती है।

शशि थरूर ने कहा, 'एसएफआई के गुंडों ने गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान की कार को रोक कर और उस पर हमला कर अपमानजनक व्यवहार किया। उनका डर पूरी तरह से समझा जा सकता है। कम्युनिस्ट शासन में पुलिस कानून व्यवस्था को बर्बाद करने की एजेंट बनी हुई है। पुलिस ने गवर्नर पर हमले की परमिशन दी। इसके अलावा सीएम के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बदसलूकी की गई। यह शर्मनाक है।' इस तरह कम्युनिस्ट छात्र संगठन के लोगों को गुंडा बताने से सीपीएम भड़क सकती है।

दरअसल सोमवार को SFI के सदस्यों ने गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान की कार का पीछा किया था और नारेबाजी की थी। उनकी कार पर भी हमले की कोशिश हुई थी। यह तब हुआ, जब गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट जा रहे थे, जहां से उन्हें दिल्ली आना था। इसे लेकर आरिफ मोहम्मद खान भड़क गए थे। उन्होंने सीधे सीएम पिनराई विजयन पर हमला बोलते हुए कहा था कि उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए गुंडों को भेजा गया था। गवर्नर ने कहा, 'क्या यह संभव है कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हो और वहां प्रदर्शनकारियों से भरी हुई कारों को परमिशन दी जाए? क्या पुलिस किसी को सीएम की कार के पास आने देगी? यहां प्रदर्शनकारियों की कारें खड़ी थीं और पुलिस उन्हें बिठा देती है और फिर वे भाग लेते हैं।'

इसलिए मैं सीधे तौर पर कह रहा हूं कि यह कोई और नहीं बल्कि मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने मुझे शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने का फैसला लिया। गुंडों ने आखिर कैसे तिरुअनंतपुरम की सड़कों पर कब्जा कर लिया। गवर्नर ने कहा था कि उन्हें न सिर्फ काले झंडे दिखाए गए बल्कि उनकी कार को दोनों तरफ से घेर लिया गया। गौरतलब है कि बीते कई सालों से गवर्नर और केरल सरकार के बीच तनाव रहा है। विधेयकों को मंजूरी न देने का मामला तो सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button