खेल संसार

वीरेंद्र सहवाग भी हुए पीएम मोदी के ड्रेसिंग रूम जाने के कायल, कहा– ‘मैंने आज तक नहीं देखा है कि हारी हुई टीम से…’

नई दिल्ली
 आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया की हार के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रेसिंग रूम में जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि 19 नवंबर रविवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को हराकर छठी बार खिताब जीता था। टीम इंडिया अपना तीसरा खिताब जीतने से चूक गई थी। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय ड्रेसिंग रूम का दौरा किया और खिलाड़ियों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया। इस घटना के करीब 5 दिन बाद टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने पीएम मोदी के इस कदम का खुलकर समर्थन किया है। वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि ऐसा बहुत कम होता है कि एक देश का प्रधानमंत्री किसी स्पोर्ट्स टीम के ड्रेसिंग रूम में जाता हो।

टीम को उसे वक्त सपोर्ट की जरूरत थी
वीरेंद्र सहवाग ने कहा, “देखिए बहुत कम ऐसे मौके होते हैं जब किसी देश के प्रधानमंत्री प्लेयरों से मिलते हैं, उनका उत्साह बढ़ाते हैं। खासकर मैंने नहीं देखा कि कोई टीम हारी हो और उसके प्रधानमंत्री खिलाड़ियों से मिलते हैं। यह बहुत बढ़िया  जेस्चर है। जब वह दोबारा भारतीय खिलाड़ियों से मिलने ड्रेसिंग रूम गए और उनका उत्साह बढ़ाया। क्योंकि उस समय आपको सपोर्ट की जरूरत होती है। वर्ल्ड कप फाइनल जैसा मैच हारते हो तो आपको अपने फ्रेंड्स से, अपने यार–दोस्तों से, फैमिली से सपोर्ट की जरूरत होती है। मेरे नजर में तो वह बहुत अच्छा कार्य था जब वह प्लेयरों से मिले।”

हमें खिलाड़ियों का सपोर्ट करना चाहिए
वीरेंद्र सहवाग ने आगे कहा, “खिलाड़ी मोटिवेट होंगे और आने वाले मैचों में, आने वाले विश्व कप में और बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। जो फाइनल हम जीत नहीं पाए उसे हम आने वाले विश्व कप में जीतने की कोशिश करेंगे। क्योंकि फाइनल ऐसा नहीं है कि हम किसी एक खिलाड़ी की वजह से हारे हैं। जब यह टीम अच्छा खेल रही थी तो हम तारीफ कर रहे थे और जिस दिन वह हारी है तो हमें उनका सपोर्ट करना चाहिए।”

खिलाड़ियों को खुद पर कॉन्फिडेंस आता है
वीरेंद्र सहवाग ने कहा, “बहुत कम प्रधानमंत्री हैं जो हारे हुए टीम के ड्रेसिंग रूम में गए होंगे। देखिए अगर देश के प्रधानमंत्री किसी टीम के ड्रेसिंग रूम में जाकर मिलते हैं तो खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ता है और कॉन्फिडेंस देता है। खिलाड़ी चाहे वह किसी क्षेत्र का हो, चाहे वह क्रिकेट का हो, फुटबॉल का हो या हॉकी का हो या एथलेटिक्स का हो। उसको जोश आता है कि मेरा देश का प्रधानमंत्री चाहता है कि मैं अच्छा करूं और मेडल लेकर आऊं। यह बहुत ही अच्छा काम है जो हमारे प्रधानमंत्री कर रहे हैं।”

 

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