विश्व कप के दौरान ओएनडीसी पर मैजिकपिन के ऑर्डर दोगुना होकर 10 लाख के पार
विश्व कप के दौरान ओएनडीसी पर मैजिकपिन के ऑर्डर दोगुना होकर 10 लाख के पार
नई दिल्ली
हाइपरलोकल स्टार्टअप मैजिकपिन के क्रिकेट विश्व कप मैचों के दौरान सरकार समर्थित ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) नेटवर्क पर मासिक आर्डर दो गुना से अधिक होकर 10 लाख हो गए।
मैजिकपिन के अनुसार, उसने 14 अक्टूबर को भारत बनाम पाकिस्तान मैच के दौरान 35,000 ऑर्डर वितरित किए। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मैच के दौरान एक ही दिन में ऑर्डर की संख्या 50,000 तक पहुंच गई।
कंपनी की ओर जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘मैजिकपिन को पांच अक्टूबर से 19 नवंबर के बीच विश्व कप की पूरी अवधि में 10 लाख से अधिक ऑर्डर मिले..’’ कंपनी ने पहले विश्व कप की शुरुआत में खाद्य ऑर्डर के साथ-साथ डाइनिंग आउट, फैशन और किराना जैसी अन्य श्रेणियों में कुल 50-100 करोड़ रुपये की छूट देने की घोषणा की थी।
मैजिकपिन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक अंशू शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे पिछले डेढ़ महीने में ओएनडीसी के तहत मैजिकपिन पर रिकॉर्ड तोड़ 10 लाख ऑर्डर देखकर बेहद गर्व महसूस हो रहा है।’’
होनासा कंज्यूमर लिमिटेड के शेयर में करीब 20 प्रतिशत उछाल
नई दिल्ली
रोजमर्रा के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी होनासा कंज्यूमर लिमिटेड के शेयरों में करीब 20 प्रतिशत का उछाल आया।
होनासा कंज्यूमर लिमिटेड के पास मामाअर्थ और द डर्मा का स्वामित्व है।
बीएसई पर शेयर 19.99 प्रतिशत उछलकर 422.50 रुपये पर पहुंच गया। एनएसई पर यह 19.99 प्रतिशत बढ़कर 423.75 रुपये पर रहा।
कंपनी गत सात नवंबर को ही बाजार में सूचीबद्ध हुई है।
होनासा कंज्यूमर लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ करीब दोगुना होकर 29.43 करोड़ रुपये रहा था।
केंद्र ने एमएएम-II मानदंडों के उल्लंघन मामले में अधिकारियों की चूक की जांच शुरू की
नई दिल्ली
भारी उद्योग मंत्रालय ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एफएएमई-II) योजना के मानदंडों के उल्लंघन पर अधिकारियों द्वारा की गई चूक की जांच शुरू की है।
इसके चलते सात इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं ने कथित तौर पर एफएएमई-II योजना के मानदंडों का पालन नहीं करते हुए प्रोत्साहन का दावा किया था।
मंत्रालय में सचिव कामरान रिज़वी ने बताया कि जांच में सत्यापन तथा परीक्षण एजेंसियों ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) के अधिकारी भी शामिल हैं। जांच पूरी होने में एक महीने का समय लग सकता है।
उन्होंने बताया कि जांच के परिणाम आने के बाद सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई कुछ लोगों के खिलाफ भी की जा सकती है और कुछ प्रणालियों को दुरुस्त करने के लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं।
मंत्रालय को शिकायत मिली थी कि 13 कंपनियां एफएएमई-II के तहत मानदंडों का उल्लंघन करके अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बड़े पैमाने पर घटकों का आयात कर रही हैं।
भारी उद्योग मंत्रालय ने इसके बाद एआरएआई और आईसीएटी को इन कंपनियों द्वारा चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम स्थानीयकरण दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं इसकी जांच के आदेश दिए।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा, ‘‘हम खामियां की जांच कर रहे हैं..’’