छत्‍तीसगढ़

त्योहारी सीजन में रेलवे ने नहीं बढ़ाया अतिरिक्त कोच, दीवाली से छठ तक ट्रेनों में नो रूम

रायपुर
दीवाली और छठ दोनों बड़े पर्व नजदीक होने से इन दिनों महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, अंबिकापुर, कोरिया समेत अन्य राज्यों की ओर जाने वाली अधिकांश ट्रेनें पूरी तरह से ठसाठस चल रही हैं। रेलवे का यह सबसे पीक यात्री सीजन है। बावजूद इसके किसी ट्रेन में अतिरिक्त कोच नहीं लगाया गया है। इसके कारण यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है। हालात यह है सभी ट्रेनों में रिजर्वेशन टिकट की वेटिंग 100 के आसपास है।

वहीं दुर्ग-साउथ बिहार एक्सप्रेस और सिकंदराबाद-दरभंगा जैसी ट्रेनों में नो रूम की स्थिति बन गई है। इन ट्रेनों में 15 से 17 नंवबर के बीच वेटिंग 200 पार हो गया है। ऐसे स्थिति में यात्रियों का सफर करना मुश्किल हो गया है। रायपुर स्टेशन होकर आने-जाने वाली एक्सप्रेस, मेल, सुपरफास्ट किसी भी ट्रेन में केवल वेटिंग टिकट ही यात्रियों को मिल रहा है। दुर्ग-सारनाथ एक्सप्रेस, बिलासपुर-पटना एक्सप्रेस किसी में भी टिकट कंफर्म होने की कोई उम्मीद नहीं है।

दीवाली, धनतेरस और छठ पर्व पर सपरिवार अपने गृहग्राम जाने की तैयारी कर रहे यात्रियों के बीच लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों में कंफर्म टिकट पाने के लिए मारामारी मची हुई है। दूसरे दिनों की अपेक्षा इन दिनों रेलवे स्टेशन में सुबह से लेकर देर रात तक यात्रियों की आवाजाही बढ़ गई है। हालात यह है कि जितनी भीड़ ट्रेनों में रहती है, उतनी ही प्लेटफार्म पर ट्रेन आने का इंतजार करने वालों की रहती है। खासकर बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, दिल्ली, ओडिशा की ओर जाने वाली अधिकांश एक्सप्रेस, मेल, सुपरफास्ट ट्रेनों में यात्रियों की मारामारी मची है।

इन ट्रेनों में मची मारामारी
दीवाली के चार दिन बाद से छठ पर्व है। ऐसे में दुर्ग-सारनाथ एक्सप्रेस, दुर्ग-साउथ बिहार एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-दरभंगा और बिलासपुर-पटना एक्सप्रेस किसी में भी टिकट कंफर्म होने की कोई उम्मीद नहीं है। इन प्रमुख ट्रेनों के हर श्रेणी के कोच पूरी तरह से पैक हो चुके हैं। यहां तक की वेटिंग इतनी अधिक हो चुकी है कि नीचे बैठने तक की जगह यात्रियों को मिल पाना मुश्किल है।

एकमात्र पूजा स्पेशल ट्रेन दौड़ रही
सबसे बड़ा त्योहार दीवाली और छठ पूजा के दौरान सबसे अधिक आवाजाही होने के बावजूद भी अभी तक रेलवे प्रशासन केवल एक पूजा स्पेशल साप्ताहिक ट्रेन हटिया-पुणे के बीच चलाना शुरू किया है। जबकि सबसे अधिक बिहार और उत्तरप्रदेश के बीच चलने वाली ट्रेनों में वेटिंग है। यही हाल हावड़ा-मुंबई, हावड़ा-अहमदाबाद, सूरत समेत छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस आदि ट्रेनों का है। लोग धक्कामुक्की खाते हुए जनरल कोचों में सफर करने को मजबूर हैं। त्योहार पर घर जाने के लिए लोग ट्रेनों की लंबी वेटिंग देखकर बस में सफर करने को विवश हो रहे हैं।

खिड़कियों से आ-जा रहे यात्री
दीवाली और छठ पूजा नजदीक आते ही सभी ट्रेनें फुल हैं। हालत यह है कि दरवाजे में पैर रखने के लिए जगह नहीं है। स्टेशन में ट्रेन के पहुंचते ही यात्रियों के बीच आपाधापी मच जाती है। इस आपाधापी के बीच ट्रेन कहीं छूट न जाए यह सोचकर यात्री खिड़कियों से भीतर घुसने की मशक्कत करते देखे जा सकते हैं। रोज-रोज यह नजारा देखने के बावजूद न पूजा स्पेशल ट्रेन न चलाई जा रही है और न ही किसी ट्रेन में अतिरिक्त कोच लगाए जा रहे हैं।

नवंबर तक ट्रेनें पैक
यात्रियों की आवाजाही इतनी तेजी से बढ़ी है कि अब सभी ट्रेनों में केवल वेटिंग टिकट ही यात्रियों को मिल रहा है। इसलिए सूची लंबी होती है। रेलवे के मुख्य रिजर्वेशन आफिस के कर्मचारियों का कहना है कि नवंबर तक लंबी दूरी की सभी ट्रेनें पूरी तरह से पैक हो चुकी हैं। ऐसा कोई कोच नहीं, जिसमें वेटिंग सूची 100-200 पार न कर गया हो। ऐसे में दिसंबर के प्रथम सप्ताह के बाद ही कंफर्म बर्थ यात्रियों को मिलेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button