धर्म संस्‍कृति

दीपावली पर वास्तु के अनुसार पूजन-श्रृंगार से खूब बरसेगा पैसा

रायपुर.

लक्ष्मी आराधना और स्तुति का पर्व है दीपावली। लक्ष्मी पूजन में कोई कमी न रह जाए,सबका यही प्रयास रहता है। सुख, सौभाग्य और समृद्धि का वास घर में हो सबकी यही कामना होती है। दीपावली के शुभ अवसर पर लोग अपने घरों को अपने तरीके से सजाते हैं। वास्तुशास्त्र में हर एक तत्व के लिए खास दिशा का चयन किया है। सजावटी वस्तुएं, रंग और आकार भी इन्हीं में शामिल हैं। ये सब एक प्रतीक के रूप में कार्य करते हैं जो हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं।

दिवाली की डेकोरेशन और पूजा करते समय हम वास्तु के कुछ नियमों को ध्यान में रखेंगे तो ये हमारे जीवन में खुशियां, समृद्धि और उपलब्धियां लेकर आते हैं और घर की नकारात्मकता समाप्त होती है। देवी लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहे,असत्य पर सत्य की जीत हो, जीवन हमेशा खुशहाल रहे इन सभी भावनाओं के साथ हम सभी अपने घर और अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान को नए तरीके से सजाते-संवारते है। घर का मुख्य द्वार अतिथि के लिए पहले परिचय के समान होता है। इसलिए उसका सुंदर और स्वच्छ होना और उस पर किसी शुभ चिन्ह जैसे स्वास्तिक, शुभ-लाभ आदि का बना होना बहुत शुभ माना गया है। घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए जरूरी है कि प्रवेशद्वार पर ऐसा कोई भी सजावट का सामान न रखें जिससे आने-जाने वाले मार्ग में रूकावट हो। इसी प्रकार ईशान कोण एवं घर के ब्रह्म स्थान में कोई भारी या नुकीली चीजें बनते हुए काम में व्यवधान की तरफ संकेत करती हैं।

लक्ष्मी जी के चरण
दीपावली पर लक्ष्मीजी की चरण पादुका घर के पूजा स्थल में रखना शुभता का प्रतीक माना गया है। धातु(चांदी,पीतल, पारद या पंचधातु) से बनी लक्ष्मी की चरण पादुका खरीदकर दीपावली के दिन उनकी पूजा करनी चाहिए। मां लक्ष्मी की चरण पादुका कभी भी प्लास्टिक की न खरीदें वास्तु में इसे शुभ नहीं माना गया है। हां चावल के आटे या साबुत अन्न के दानों से आप पूजा की चौकी के सामने मां लक्ष्मी के चरण बना सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि माता के चरण ऐसे स्थान पर नहीं लगाने चाहिए जहां आपके या अतिथियों के पैर उन पर पड़ें, ऐसा करने से लक्ष्मीजी का अनजाने में अपमान होगा फलस्वरूप आपकी सुख-समृद्धि रुक सकती है। मान्यता है कि जिस घर में धन की देवी मां लक्ष्मी की चरण पादुका होती है, वहां उसके शुभ प्रभाव से सारा दु:ख-दारिद्रय दूर हो जाता है, सुख-समृद्धि और संपन्नता आती है। 

खुशियों की रंगोली
पूर्वमुखी घर में मुख्यद्वार पर आप रंगोली बनाना चाहते हैं तो इस दिशा में शुभ और ऊर्जा प्रदान करने वाले रंग जैसे लाल, पीला, हरा, गुलाबी और नारंगी आदि का इस्तेमाल समृद्धि को बढ़ाता है। वहीं इस दिशा में अंडाकार डिजाइन आपके जीवन में उन्नति के नए मार्गों को प्रशस्त करता है। उत्तर दिशा में पीले, हरे,आसमानी और नीले रंगों के प्रयोग से लहरदार या जल के गुण से मिलती हुई डिजाइन बनाकर आप अपने जीवन में स्पष्टता और तरक्की के नए-नए अवसरों को आमंत्रित कर सकते हैं। दक्षिण-पूर्व में त्रिकोण एवं दक्षिण मुखी घर में खूबसूरत आयताकार पैटर्न की, गहरा लाल,नारंगी,गुलाबी एवं बैंगनी रंगों के प्रयोग से बनाई रंगोली आपके जीवन में सुरक्षा,यश एवं आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित होगी। जीवन में लाभ एवं प्राप्तियों को आकर्षित करने के लिए पश्चिम मुखी घर के लिए आप सफ़ेद और सुनहरे रंगों के साथ गुलाबी, पीला, भूरा,आसमानी जैसे रंगों का प्रयोग कर गोलाकार रंगोली या पंचकोण आकार लिए हुए रंगोली बना सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button