राष्‍ट्रीय

भतीजे आकाश का और बढ़ाया कद और अलग रणनीति, क्या है मायावती की नई राजनीति

 यूपी

यूपी की 4 बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती को सड़क पर संघर्ष करने वाली नेता के तौर पर नहीं जाना जाता। उनका एक काडर है और ठोस वोट बैंक भी रहा है। इसके अलावा सामाजिक समीकरणों को साधते हुए वह सत्ता की राह तय करती रही हैं। रैलियां, पद यात्रा या धरना प्रदर्शन जैसे आयोजन बसपा मुश्किल ही करती है, लेकिन अब रणनीति कुछ बदली दिख रही है। मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद का एक और प्रमोशन करते हुए उन्हें चुनावी राज्यों की कमान सौंप दी है। इसके अलावा 14 दिनों की यात्रा भी उनके नेतृत्व में निकालने का फैसला लिया है। 'सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा' 14 दिनों तक राजस्थान में निकाली जाएगी।

राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिहाज से यह अहम है। 2018 में बसपा के आधा दर्जन विधायक राज्य में जीते थे, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने तोड़ लिया था। इस पर मायावती ने नाराजगी जाहिर की थी। अब पदयात्रा और आकाश आनंद के बढ़े हुए कद से साफ है कि मायावती की रणनीति थोड़ी बदली है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी यह संकेत है कि बसपा अब पहले से अलग तरीके से मैदान में उतरेगी। आकाश आनंद को मायावती के राजनीतिक वारिस के तौर पर भी देखा जाता है। वह बीते एक साल से राजस्थान के मामलों को देख रहे हैं। उन्होंने आंबेडकर की जयंती पर भी 13 किलोमीटर लंबी एक पदयात्रा अलवर जिले में निकाली थी।

100 विधानसभाओं में जाने की है तैयारी

फिलहाल बसपा के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर काम कर रहे आकाश आनंद अगले कुछ सप्ताह में राजस्थान में 100 विधानसभाओं में जाएंगे। 3000 किलोमीटर तक की यात्राएं करेंगे। इनमें वे 6 सीटें भी शामिल होंगी, जहां से 2018 में पार्टी को जीत मिली थी। इसके अलावा 9 सीटों पर बसपा दूसरे नंबर पर रही थी। 14 दिनों तक चलने वाली यात्रा की शुरुआत धोलपुर से होगी और जयपुर में इसका समापन होगा। कुल 33 जिलों से यह यात्रा गुजरेगी। आकाश के बढ़े हुए रोल को इससे समझा जा सकता है कि 9 अगस्त को वह भोपाल भी गए थे। 

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