3 दिन पहले पिता बने SI अमित, ऑपरेशन खत्म कर वापस आने को कहा था, अंतिम संस्कार में उमड़ा जान सैलाब
रांची
पश्चिमी सिंहभूम के टोंटो में सोमवार देर शाम नक्सली हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी अमित तिवारी का पलामू में उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद अमित को श्रद्धांजलि देने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। इससे पहले सोमवार देर शाम झारखंड के मुख्यमंत्री और राजयपाल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
तीन दिन पहले ही पिता बने थे अमित कुमार तिवारी
अमित कुमार तिवारी तीन दिन पहले ही पिता बने थे। उन्होंने परिवार वालों को फोन पर कहा था कि अभियान चल रहा है और अभियान खत्म होने पर लौट कर बेटे का मुंह देखेंगे लेकिन नवजात के सिर से बाप का साया ही छिन गया। अमित के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है लेकिन उन्हें गर्व भी है कि अमित ने शौर्यतापूर्ण तरीके से नक्सलियों से मुकाबला किया और जिस धरती पर जन्म लिए उसी पर प्राण निछावर कर दिए।
शहीद सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार तुम्बाहाका और सरजमबुरू जंगल के रास्ते में 1 करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर दस्ते के साथ हुई। इस मुठभेड़ में नक्सलियों से लोहा ले रहे थे। गौतम 2012 बैच के अधिकारी थे। उन्हें 7-8 गोली लगी, जबकि हवलदार को 4 गोली लगने की बात कही जा रही है।
11 अगस्त की मुठभेड़ के बाद एक्शन में थे जवान
चार दिन पहले 11 अगस्त को इसी इलाकों में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा दस्ते के साथ मुठभेड़ हुआ था जिसमें सीआरपीएफ 60 बटालियन का एक जवान सुशांत कुमार खुंटिया शहीद हो गया था। जबकि एक जवान घायल हो गया था। जिसका इलाज रांची मेडिका में चल रहा है।