वर्ल्ड कप 2023 से पहले भरने होंगे कई सुराख, विकेटकीपर से लेकर निचले क्रम ने बढ़ाई टेंशन
नई दिल्ली
आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के लिए अब दो माह से भी कम समय बचा है। रोहित शर्मा की सेना में अभी कई ऐसे सुराख हैं, जिन्हें भरा जाना बाकी है। टीम इंडिया को बल्लेबाजी में गहराई, चोटिल खिलाड़ी, विकेटकीपरों की असफलता जैसी कई चुनौतियों से पार पाना है। टीम में तीसरे ऑलराउंडर का भी सवाल सामने खड़ा है। पिछले कुछ समय से हार्दिक की फॉर्म में भी गिरावट दिखी है। वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज गंवाने के बाद खुद भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने भी माना निचले क्रम की बल्लेबाजी को मजबूत करना होगा।
आईसीसी टूर्नामेंट में पिछले दो-तीन साल से टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। टीम को दस साल से अपने पहले आईसीसी खिताब की दरकार है। वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 में सीरीज में हार और वनडे सीरीज में औसत प्रदर्शन से यह साफ है कि भारतीय खिलाड़ी अपने चरम पर नहीं हैं। हर मैच में खिलाड़ियों का बदलाव भी समस्या बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि विश्व कप को देखते हुए टीम प्रबंधन को कायदे से 15 प्रमुख खिलाड़ियों को भी आजमाना चाहिए था। इससे टीम की ताकत और कमजोरियों को परखने में मदद मिलती। पहले तीन क्रम पर कप्तान रोहित, शुभमान गिल और विराट कोहली की जगह तय है। परेशानी नंबर चार से शुरू होती है।
चोटिल खिलाड़ी
एशिया कप 2023 के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। दूसरी टीमों ने अपने दलों की ऐलान करना शुरू कर दिया है, जबकि टीम इंडिया अभी खिलाड़ियों की फिटनेस रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। अच्छी खबर यह है कि श्रेयर अय्यर और केएल राहुल इस टूर्नामेंट में वापसी कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो नंबर चार श्रेयस का लगभग तय होगा। यदि श्रेयस फिट नहीं हुए तो केएल भी यह भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, तिलक वर्मा का नाम भी चयनकर्ताओं के जेहन में अवश्य होगा।
विकेटकीपरों की नाकामी
भारतीय टीम में आठ माह में चार विकेटकीपर आजमाए गए हैं, मगर किसी ने खास प्रभाव नहीं छोड़ा है। ऋषभ पंत के बाद ईशान को तीनों प्रारूपों में 16 तो सैमसन को तीन मौके मिले हैं, लेकिन परिणाम उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे। केएस भरत भी नाकाम रहे हैं। केएल राहुल यदि फिट होते हैं तो चयनकर्ता द्वारा उन्हें ही पहले विकेटकीपर के तौर पर तरजीह देना लगभग तय है। उन्होंने पिछले छह मुकाबलों में करीब 57 के औसत से 226 रन बनाए हैं। केएस भरत 2 टेस्ट में 18.42 के औसत से 129 रन और संजू सैमसन ने तीन मैच में 13 के औसत से 13 रन ही बनाए हैं।
सूर्यकुमार : टी20 के हीरो, वनडे में जीरो
टी20 में नंबर एक 'मिस्टर 360' सूर्यकुमार ने 50 ओवर के प्रारूप में बुरी तरह से निराश किया है। खुद सूर्य ने भी माना कि वनडे में उनके आंकड़े शर्मिंदा करने वाले हैं। उन्होंने नंबर चार पर छह मैच में छह की औसत से सिर्फ 30 रन बनाए हैं। उनका औसत 24.33 का रहा है, जबकि 26 वनडे मैचों में सूर्या के बल्ले से 511 रन ही निकले हैं।
हार्दिक की खराब फॉर्म
वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतिम वनडे में नाबाद 70 रन की पारी को छोड़ दें तो हार्दिक पांड्या का बल्ला पिछले कुछ मैचों में लगभग खामोश रहा है। उन्होंने पिछले छह मुकाबलों में 29 के औसत से 148 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 100 का रहा है। विश्व कप में उनका बल्ला चलना बेहद जरूरी होगा। इस साल हार्दिक पांड्या ने 11 वनडे मैच खेले हैं, जिनमें 31 की औसत से 280 रन बनाए हैं।
नंबर आठ पर किसे खिलाएं?
अगर श्रेयस और केएल राहुल वापसी करते हैं तो टीम इंडिया में सात नंबर तक बल्लेबाजी लगभग तय होगी, जिनमें हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा ऑलराउंडर के तौर पर शामिल रहेंगे। शीर्ष क्रम रोहित, शुभमान और विराट संभालेंगे। इसके बाद पुछल्ले बल्लेबाजों की शुरुआत चिंता का विषय है। यहां शार्दुल ठाकुर या अक्षर पटेल ऑलराउंडर के तौर पर फिट हो सकते हैं, मगर उनकी बल्लेबाजी उतनी खास नहीं रही है। कुलदीप यादव के साथ भी यही समस्या है। ऐसे में नंबर आठ का सही विकल्प खोजना जरूरी होगा।
भारतीय ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने स्वीकार किया है कि निचले क्रम में बल्लेबाजी मजबूत करने के लिए भारत को शार्दुल ठाकुर को नंबर आठ पर खिलाना चाहिए। यदि कुलदीप या युजवेंद्र चहल में से किसी को चुना जाता है तो उनमें किसी एक को नंबर आठ पर बल्ले से भी दम दिखाना होगा।
जडेजा से उम्मीदें
34 साल के बाएं हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा ऑलराउंडर और फिनिशर की अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने इस साल जो छह पारियां खेली उनमें से वह तीन में नाबाद रहे। उन्होंने 37.66 की औसत से 113 रन बनाने के साथ ही पांच विकेट की चटकाए।
अब सिर्फ नौ मैच
रोहित एंड कंपनी के पास विश्व कप की टीम संयोजन और तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए अब सिर्फ ज्यादा से ज्यादा नौ मैच बचे हैं। इनमें से छह फाइनल सहित एशिया कप में और तीन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जाने हैं। इसमें टीम अपनी दरारें भरने के साथ ही परफेक्ट संयोजन भी तैयार करना चाहेगी। टीम ने 12 साल पहले अपना दूसरा विश्व कप अपनी ही मेजबानी में जीता था।