मध्‍यप्रदेश

खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक प्रयास

भोपाल 
खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के हस्तशिल्प एवं हाथकरघा क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण का योगदान 40 प्रतिशत से अधिक है। चंदेरी, महेश्वरी, बाटिक, जरी जरदोजी, लकड़ी के खिलौने जैसे पारंपरिक उत्पादों में 5500 से अधिक महिलाएँ सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। ये उत्पाद न केवल "जीआई टैग" प्राप्त हैं, बल्कि 'एक जिला-एक उत्पाद' योजना के अंतर्गत इनका उत्पादन भी किया जा रहा है। मृगनयनी ब्रांड के 66 एम्पोरियम एवं कॉमन फैसिलिटी सेंटर के माध्यम से इन महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों का उत्पादन एवं विपणन किया जा रहा है।

युवा महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन
खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा एनआईएफटी, फैशन टेक्नोलॉजी कॉलेजों, पॉलिटेक्निक संस्थानों एवं आईंआईंआईं में विशेषकर बालिका उद्यमियों से संवाद एवं संपर्क स्थापित किया गया है, जिससे उन्हें नवीन डिज़ाइन, गुणवत्ता परीक्षण व नवाचार के अवसर प्राप्त हो सकें। संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड द्वारा देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष देवी अहिल्या संग्रह तैयार किया जा रहा है। इस संग्रह में महिला शिल्पकारों की विशिष्ट भूमिका होगी। उन्हें ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स एवं भास्कर स्टार्टअप प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्ड कर ऑनलाइन एवं डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर विक्रय में सहयोग दिया जाएगा।

ब्रांड अभियान एवं डिजिटल सशक्तिकरण
मृगनयनी क्लब्स के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष ब्रांड अभियान प्रारंभ किया गया है। उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रमुखता दिलाने के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन व सोशल मीडिया अभियान चलाया जाएगा। महिला कलाकारों की ऑनलाइन डायरेक्टरी एवं उनके उत्पादों का डिजिटल कैटलॉग भी तैयार किया जाएगा, जिससे वे वैश्विक बाज़ार से जुड़ सकें।

विंध्यावैली ब्रांड के माध्यम से समूहों से संबद्ध महिलाओं का सशक्तिकरण
मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा प्रदेश के स्व-सहायता समूहों से सम्बद्ध महिलाओं द्वारा उत्पादित एफ.एम.सी.जी. उत्पादों के विक्रय की व्यवस्था के लिए विन्ध्यावैली ब्राण्ड संचालित किया जा रहा है। विन्ध्यावैली ब्राण्ड अन्तर्गत उत्पादों की पैकेजिंग, ब्राण्डिंग एवं गुणवत्ता नियंत्रण के लिये समय-समय पर तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाता है। विन्ध्यावैली ब्राण्ड अन्तर्गत स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का विक्रय बोर्ड द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित 18 विक्रय एम्पोरियमों के माध्यम से की जा रही है। साथ ही जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर समय-समय पर आयोजित किये जाने वाले मेले/प्रदर्शनियों में भी इन उत्पादों के विक्रय की नियमित व्यवस्था की जाती है। उत्पादों का विक्रय ऑन लाईन ई-कॉमर्स प्लेटफार्म अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के माध्यम से भी किया जा रहा है। वर्तमान में विन्ध्यावैली वैली ब्राण्ड अन्तर्गत प्रदेश के लगभग 25 स्व-सहायता समूह सम्बद्ध है। इन समूहों से सम्बद्ध महिलाओं द्वारा उत्पादित विभिन्न प्रकार के अचार, पापड़-बड़ी, मसाले, अगरबत्ती इत्यादि उत्पादों का विक्रय विन्ध्यावैली ब्राण्ड अन्तर्गत किया जा रहा है।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाए जाने के उद्देश्य से वर्ष 2025-26 में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 100 नवीन स्व-सहायता समूहों को विन्ध्यावैली ब्राण्ड से सम्बद्ध किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इससे लगभग 1000 महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से निरंतर रोजगार प्राप्त हो सकेगा। विन्ध्यावैली ब्राण्ड अन्तर्गत उत्पादों के विक्रय से इन महिलाओं को उचित मूल्य प्राप्त होगा एवं पारम्परिक रूप से कार्य करने वाली महिलाओं को वर्तमान आधुनिक बाजार में मांग के अनुरूप अपने उत्पाद तैयार करने एवं उनके उचित रूप से विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाने में सहयोग प्राप्त होगा। इस प्रयास से प्रदेश के स्व-सहायता समूहों से सम्बद्ध महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक कार्यवाही की जा सकेगी।

 

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